विदिशा से रिजेक्टर हुआ चावल छिंदवाड़ा के गरीबों में खपाने का षडयंत्र

आनंद ताम्रकार/सिवनी/बालाघाट। नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा विभिन्न जिलों में भेजे गये अमानक चावलों को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। गुना और उज्जैन के बाद अब विदिशा से भी मिलर्स के लिये बुरी खबर आई है। 23 मई को सिवनी से विदिशा भेजी गई अमानक चावल की रैक को वापस लेने और उसे अपग्रेड कर एक पखवाडे में चावल जमा करने के निर्देश दिये गये हैं। जिसके बाद सिवनी जिले में अमानक चावल के मामले में संशय की स्थिति बन गई है। इस रिजेक्ट चांवल को अब छिंदवाडा जैसे आसपास के जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के माध्यम से खपाने की कोशिश की जा रही है। 

मध्यप्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंधक संचालक फैज अहमद किदवई ने 3 जून को एक पत्र लिखकर सिवनी से विदिशा भेजे गये चावलों को वापस लेने या फिर अपग्रेड करने के निर्देश दिये है पत्र में इसके लिये 15 दिन की समय सीमा भी तय की गई है। जिला आपूर्ति अधिकारी विदिशा मोहन मारू ने अनुसार प्रबंध संचालक ने सिवनी के जिला प्रबंधक को पत्र लिखकर निर्देश दिये हैं कि जिन राईस मिलर्स ने लापरवाही की है उनकी पहचान की जाये जिन्होने अमानक स्तर का चांवल प्रदाय किया है जिसमें टूटन की मात्रा तय मानक 25 प्रतिशत से ज्यादा हैं इस लिए मिल मालिकों को अनुबंध के नियमानुसार ब्लैंक लिस्ट किया जाये साथ ही नुकसान की भरपाई की जाये।

पत्र में यह भी निर्देश दिये गये है कि चांवलों की वापस बुलाया जाये या फिर अपग्रेड किया जाए अपग्रेडेशन के बाद जो नुकसान हो उसकी भरपाई मिलर्स से कराई जाये। इसके अलावा पैनाल्टी भी वसूली जाय वापस करने की स्थिति में चांवलों को लोड अनलोड करने का काम भी मिल मालिकों से कराया जाये। सिवनी से विदिशा 26 हजार क्विंटल अमानक चांवल भेजा गया है था जिसकी कीमत 5 करोड रूपये बताई गई है।
इससे पूर्व सिवनी से गुना और उज्जैन भेजे गये चंावल के रैंक भी रिजेक्ट कर दी गई है। जबलपुर से अधिकारियों ने सिवनी में गोदामों का निरीक्षण कर अनेक खामियां पाई थी और अब इन्हें दुरूस्त करने केे निर्देश भी दिये है।

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