शिवराज की कुण्डली में आ गया है श्रीराम जैसा वनवास योग: ज्योतिष

ज्योतिष कहती है कि मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान के वनवास का समय आ गया है। शिवराज सिंह की पत्रिका में इन दिनों ठीक वैसी ही परिस्थितियां बन रहीं हैं जैसी की वनवास से पूर्व भगवान श्रीराम की पत्रिका में बनीं थीं। जिस लग्न के कारण शिवराज सिंह जैत जैसे गांव से निकलकर देश भर के लोकप्रिय नेता बने उसी लग्न के कारण अब वो वनवास भी भोगेंगे। शिवराज अपने नजदीकियों के षडयंत्र का शिकार होंगे। यह ऐसी दशा है जिसमें किसी भी तरह के शांतिपाठ, तांत्रिक अनुष्ठान सफल नहीं होते। यह दशा व्यक्ति को भोगनी ही पड़ती है। 

ज़्योतिष मॆ कर्क लग्न को राज़योग कारी लग्न माना गय़ा है। इस लग्न मॆ यदि राज़योग बन रहा है तो जातक निश्चित ही राज़योग का भोग करता है। पंडित नेहरू, इंदिरा गाँधी, सोनिया गाँधी तथा शिवराज सिंह चौहान ने इसी लग्न मॆ जन्म लेकर राज़योग भोग किया। इसका मुख्य कारण कर्क राशि है जो की कालपुरुष की पत्रिका मॆ चतुर्थ स्थान मॆ आती है। चतुर्थ स्थान से समाज, पद, सत्ता सुख के अलावा सभी प्रकार के सुख का विचार किया जाता है।

शिवराज सिंह की पत्रिका
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज़ का जन्म कर्क लग्न तथा मकर राशि मॆ हुआ लग्न का स्वामी चंद्रमा सप्तम भाव मॆ स्थित होकर लग्न को देखते हुए राज़योग का निर्माण कर रहा है। कर्क राशि जलीय राशि होती है तथा मकर राशि राज्य की राशि होती है। इन दो सम्बन्धों ने शिवराज की पत्री को प्रबल राज़ योगकारी बना दिया। कर्क लग्न वालों का जल नदी समुद्र तथा जनता से गहरा सम्बंध होता है। शिवराज सिंह का बुधनी जहा से नर्मदा बहती है से गहरा सम्बंध है। उन्होने कई बार मां नर्मदा से उनके गहरे लगाव का जिक्र भी किया। वर्तमान मॆ मां नर्मदा की यात्रा भी उसी सम्बन्ध की एक बानगी है। उनकी पत्रिका मॆ पराक्रम भाव मॆ राहु तथा छठे स्थान मॆ शनि उन्हे पराक्रमी तथा शत्रुनाशक योग बना रहे है। इस लग्न मॆ गुरु ग्रह भाग्य तथा शत्रु स्थान का स्वामी होकर लग्न मॆ उच्च राशि का होता है। गुरु ग्रह वृश्चिक राशि मॆ पंचम भाव मॆ स्थित है। पंचम भाव का स्वामी मंगल लाभ भाव मॆ गुरु की दृष्टि मॆ है। गुरु की राशि मीन जो की भाग्य भाव मॆ है उसमे उच्च का शुक्र,बुध तथा केतु स्थित है।

शानदार दशाक्रम
यदि कुंडली मॆ ग्रहयोग शानदार हो तथा कारक दशा आ जाये तो जीवन शानदार गुजरता है अन्यथा राज़योग भी धरा रह जाता है। इन्हे बचपन से ही शानदार दशा मिली जो की 2013 तक निरंतर चली। पहले चंद्र जो की लग्नेष है फ़िर मंगल जो पंचमेष तथा राज्येष है। उसके बाद राहु की दशा जिसने तीसरे भाव मॆ बैठकर उन्हे राज़योग का रास्ता दिखाया।यह दशा उन्हे 1997 तक चली।इसके बाद उन्हे इस लग्न की सबसे कारक ग्रह गुरु की दशा लगी जिसने उन्हे मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री का पद दिया।गुरु की यह दशा उनको अप्रेल 2013 मॆ ख़त्म हो गई।

वनवास कारक शनि दशा
कहते है 'जो ग्रह करे वो बैरी न करे' भगवान राम का कर्क लग्न तथा कर्क राशि थी जब पहली बार वे विशवामित्र के कहने पर वनवास गये तब शनि की दशा उन्हे लग चुकी थी। विवाह करने के पश्चात जब राजा दशरथ उन्हे राज्यदेने वाले थे तब उन्हे शनि की दशा मॆ सूर्य का अंतर था जिसमे उनका राज्यभंग भी हुआ तथा पिता दशरथजी की मृत्यु भी हुई। शिवराजसिंह वर्तमान मॆ शनि मॆ बुध की अंतरदशा मॆ चल रहे है शनि बुध दोनो इनकी पत्रिका मॆ परम अकारक है। 28 अगस्त से मार्च 2018 का समय इनके लिये कष्टकारी है। हो सकता है इनका वनवास निश्चित हो जाए। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !