
दरअसल, अभी तक ट्रेनों में अगर बिना टिकट सफर करते या रेलवे के किसी भी नियम का उल्लंघन करते हुए नाबालिग को पकड़ा जाता था तो उस पर चेकिंग स्टाफ जुर्माना वसूल लेता था। जुर्माना वसूलने के बाद इन्हें छोड़ दिया जाता था।
इस मामले में 31 दिसम्बर 2016 को केरला राज्य बाल अधिकार आयोग ने रेलवे बोर्ड को सुझाव दिया था कि नाबालिग से किसी भी सूरत में सीधे जुर्माना न वसूल किया जाए। आयोग के इस सुझाव को रेलवे बोर्ड ने हाल ही में मंजूरी प्रदान की है। दो दिन पहले रेलवे बोर्ड ने देश के सभी रेलवे जोन के चीफ कमर्शियल मैनेजर को सर्कुलर जारी किया।
इसमें स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि अगर कोई नाबालिग बिना टिकट सफर करता हुआ या रेलवे के किसी नियम का उल्लंघन करता मिले तो उस पर सीधे कार्रवाई न की जाए। इसके लिए पहले जुबेनाइल जस्टिस बोर्ड को एक रिपोर्ट सौंपनी होगी। इसके बाद आगे की कार्रवाई वहीं से तय होगी। अगर सीधे कार्रवाई की तो चेकिंग स्टाफ के खिलाफ ही कार्रवाई हो जाएगी।
यह नया आदेश चेकिंग स्टाफ को भी भेज दिया गया है। इस आदेश के बाद ग्वालियर में तो चेकिंग स्टाफ ऐसे किसी भी यात्री से टिकट मांगने से डर रहा है, जिसकी उम्र कम दिख रही हो। ग्वालियर में यह संकट अधिक है, क्योंकि ग्वालियर में प्रतिदिन दर्जनों नाबालिग यात्री बिना टिकट पकड़े जाते हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या छात्रों की होती है, जो आसपास के जिले, गांव से यहां पढ़ने आते हैं।
इनका कहना है
अभी तक नाबालिग बिना टिकट पकड़ा जाता था तो चेकिंग स्टाफ जुर्माना वसूल लेता था। लेकिन अब नाबालिग से सीधे किसी प्रकार का जुर्माना नहीं वसूल सकेंगे, इस संबंध में सभी जोन के चीफ कमर्शियल मैनेजर को निर्देश जारी किए गए हैं। नाबालिगों के अधिकारों की रक्षा के लिए यह निर्णय लिया गया है।
विक्रम सिंह डायरेक्टर
पैसेंजर मार्केटिंग, रेलवे बोर्ड