डंडा बैंक पीड़ितों की सुसाइड मामले में पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन | SHUJALPUR

शुजालपुर। कर्जदारों की ब्याज वसूली से परेशान होकर 1 व 6 अप्रैल को सुसाइड नोट लिखकर आत्महत्या करने के दो अलग-अलग मामलों में परिजनों ने मंगलवार को जनसुनवाई में एसडीओपी दफ्तर पर पहुंचकर पुलिस की मंशा व जांच पर सवाल उठाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की। एक घंटे तक समझाइश के बाद भी परिजन अधिकारियों के आश्वासन से संतुष्ट नहीं हुए और विरोध में आधे घंटे तक धरना दिया। 

ज्ञात रहे कि 1 अप्रैल को उगली निवासी महेश पाटीदार ने जहरीला पदार्थ खा लिया था। जिसकी भोपाल ले जाते समय रास्ते में मौत हो गई थी। पुलिस ने इस मामले में 12 पन्नों में परेशान करने वाले लेनदारों के नाम होने की जांच कर रामडी निवासी गिरीश पाटीदार सहित दो लोगों पर मामला दर्ज किया है। इन आरोपियों द्वारा भी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों को मामले में झूठा फंसाने की शिकायत कर मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की गई। जिसके कारण गिरफ्तारी न होने से मृतक के परिजन पुलिस से से संतुष्ट नहीं है। 

मृतक की पत्नी प्रेमकला पाटीदार ने आरोप लगाया कि आरोपियों के रसूखदार होने व पुलिस की आरोपियों से हुई सांठ-गांठ के कारण गिरफ्तारी नहीं हो रही। एसडीओपी अमित मिश्रा ने आश्वस्त किया कि आरोपी कितने भी रसूखदार हो, यदि जांच में दोषी पाए जाते है तो गिरफ्तारी कर पूरी न्यायायिक कार्रवाई की जाएगी। परिजन इससे संतुष्ठ न हुए और दफ्तर के बाहर ही धरना देने बैठे रहे। 

मृतक कैलाश की बेटियां भी पहुंची न्याय मांगने 
6 अप्रैल को शुजालपुर के महात्मा गांधी मार्ग पर पोस्ट ऑफिस के सामने गन्ने के जूस की दुकान चलाने वाले 55 वर्षीय कैलाश पिता गेंदालाल शर्मा ने दुकान के पीछे ही बने कमरे में जाकर फंदा लगाकर जान दे दी थी। सुसाईट पत्र में आठ लेनदारों के नाम लिखे गए थे। इस मामले में पुलिस ने अब तक कोई प्रकरण महज दर्ज किया गया। एक माह के बाद भी मामला दर्ज न होने पर मृतक के पुत्र हर्षित शर्मा व बेटियां एसडीओपी अमित मिश्रा के पास पहुंचे व पुलिस द्वारा आत्महत्या के लिए उकसाने वालों पर कार्रवाई न करने की वजह का सवाल करते हुए कहा कि हमने पिता को खोया है, हमारा दर्द हम जानते है और पुलिस आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रही। 

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