
इस शिकायत के बाद नापतौल विभाग का दस्ता और पेट्रोल कंपनी के अफसर मौके पर पहुंच गए। इस दौरान ट्रक ड्रायवर और पेट्रोल पंप संचालक का विवाद चल रहा था। इस दौरान बिलखिरिया पुलिस स्टेशन के टीआई राजेश सिन्हा भी शिकायत कर्ता के पास पहुंच गए। पुलिस के बीच में आ जाने के बाद मामला शांत हो गया। शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत वापस ले ली।
नापतौल विभाग की टीम का कहना है कि हमने पेट्रोल पंप चालक का पैमाना चैक किया तो मापदंड सही पाया गया। पेट्रोल पंप की कंपनी के अफसर ने भी मशीन की जांच की तो सब सही पाया गया। लिहाजा, ट्रक चालक को मानना पड़ा कि उसका टैंक 270 लीटर का नहीं, बल्कि 300 लीटर का है। शिकायत पर जांच तो हुई लेकिन पेट्रोल पंप संचालक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई।
पेट्रोल पंपों को क्लीन चिट दे रहा है नापतौल विभाग
जानकारी के अनुसार राजधानी के पेट्रोल पंपों में कम पेट्रोल और डीजल देने की शिकायत वर्षों से होती रही है लेकिन हैरत की बात है कि अब तक करीब 10 से ज्यादा पेट्रोल पंपों की जांच की जा चुकी है लेकिन किसी पेट्रोल पंप पर कोई कम पेट्रोल देता हुआ नहीं पाया गया। इतना ही किसी भी पेट्रोल पंप पर चिप भी नहीं मिली। फिर आम लोगों को पेट्रोल या डीजल कम मिलने की शिकायत क्यो रहती है।