भोपाल में GAY परेड: हमें भी इज्जत और सम्मान दें

भोपाल। सम्मान से जीने और अपना हक पाने के लिए भोपाल में दूसरी बार LGBT (लेस्बियन,गे, बाइसेक्सुअल एंड ट्रांसजेंडर) परेड का आयोजन किया। यह परेड बुधवार शाम को बोट क्लब पर हुई। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जो कि देश के अलग-अलग शहरों से भोपाल पहुंचे। इससे पहले भोपाल में LGBT परेड साल 2011 में डिपो चौराहे से रंग महल तक निकाली गई थी। लेकिन, बुधवार को निकाली गई यह परेड इसलिए खास रही, क्योंकि इसमें बड़ी संख्या में नई उम्र के लड़के-लड़कियां शामिल हुए थे। परेड में 300 से अधिक लोग शामिल हुए। इनका कहना था कि सरकार धारा 377 पर रोक लगाएं और इनकी निजता और सम्मान को बनाए रखें।

मित्र श्रृंगार समिति के फाउंडर वेणु पिल्लई ने बताया कि, इस परेड को आयोजित करने का उद्देश्य बस यही था कि एलजीबीटी कम्यूनिटी से जुड़े लोग भी सामान्य जीवन जी सकें। मप्र सरकार थर्ड जेंडर के लोगों के लिए काफी काम कर रही है। उनके लिए बोर्ड का गठन प्रस्तावित है। उनके लिए कई नियम और कानून बनाए गए है। हमारी मांग है कि एलजीबीटी कम्यूनिटी के लोगों को भी वही सम्मान और हक मिले, जो सामान्य लोगों को मिलते हैं।

पिल्लई ने बताया कि, परेड में देश के अलग-अलग शहरों से करीब 500 से ज्यादा लोग शामिल हुए। परेड के माध्यम से हमने लोगों को जागरूक करना करने का प्रयास किया। उन्हें यह बताना चाहा कि एलजीबीटी कम्यूनिटी के लोग भी दूसरों की तरह सामान्य जीवन जीने का हक रखते हैं। ऐसे लोगों से भेदभाव न करें।

परेड का एक उद्देश्य यह भी था कि, पैरेंट्स अपने बच्चों की बात सुनें और उन्हें समझें। समाज और लोगों के डर से अकसर पैरेंट्स अपने बच्चों की भावनाओं और बदलाव को समझे बिना ही अपना निर्णय उन पर थोप देते हैं, जिसके परिणाम अच्छे नहीं होते। कई पैरेंट्स तो बच्चों को ही घर से निकाल देते हैं। ऐसे लोगों से हमारी अपील है कि वे एलजीबीटी कम्यूनिटी को समझे और उन्हें भी सम्मान दे।

पिल्लई ने बताया कि साल 2005 में पहली बार एलजीबीटी कम्यूनिटी से जुड़े लोगों ने परेड निकाली थी। यह लड़ाई सालों से चली आ रही है, लेकिन आज भी इसे लेकर समाज की सोच वही की वही है। गे परेड की आय़ोजक कोकिला भट्टाचार्य का कहना है कि, हम किसी समाज और परंपरा के खिलाफ प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। हम तो बस ये चाहते हैं कि समाज गे कम्यूनिटी को इज्जत और सम्मान दें।
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