
सपनि के 1998 के समय सेवारत कर्मचारियों को सुप्रीम कोर्ट ने चौथे वेतनमान का डीए का भुगतान करने के आदेश दिए थे, जिनका एरियर उस समय काम करने वाले 19 हजार कर्मचारियों को बांटा जाना है। हालांकि इनमें से करीब पौने तीन हजार कर्मचारी छत्तीसगढ़ जा चुके हैं और मप्र में मौजूद कर्मचारियों में से ज्यादातर ने निगम में अपने आवेदन जमा कर दिए हैं।
निगम प्रबंधन ने वर्तमान में निगम और प्रतिनियुक्ति पर दूसरी जगह काम कर रहे 419 कर्मचारियों को करीब 26 करोड़ रुपए का भुगतान कर दिया है। शेष कर्मचारियों के लिए निगम ने 193 करोड़ रुपए की मांग की थी।
शेष कर्मचारियों को बांटे जाने वाले डीए एरियर के लिए परिवहन विभाग ने वित्त विभाग को प्रस्ताव भेजा था। इस पर वित्त विभाग ने 193 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत कर विभाग को भेज दी थी। सूत्र बताते हैं कि अब यह मामला मुख्यमंत्री समन्वय में लंबित है और इसे कैबिनेट की मंजूरी मिलना शेष है।
गौरतलब है कि इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने दिसंबर में दो महीने का समय दिया था, लेकिन सरकार की ओर से इस समयसीमा को बढ़ाने का आग्रह किया था। अदालत ने इसके बाद जून 2017 तक एरियर के भुगतान की समय सीमा तय कर दी थी।