लाल किले का निर्माण पूरा, जयपुर में सीरियल ब्लास्ट: आज का इतिहास ,13 मई | TODAY IN HISTORY

राजू जांगिड़/विशेष | ग्रेगोरी कैलंडर के अनुसार 13 मई वर्ष का 133 वाँ (लीप वर्ष में यह 134 वाँ) दिन है। साल में अभी और 232 दिन शेष हैं। भारत की दृष्टि से आज के दिन 3 बड़ी बातें हैं। पहला लाल किले का निर्माण पूरा हुआ। दूसरा जयपुर में सीरियल बम ब्लास्ट हुए और तीसरा भारतीय संसद का पहला सत्र शुरू हुआ। भारतीय एवं विश्व इतिहास में आज के दिन की घटनाएं इस प्रकार से है -

1643 में चिली में आये भूकंप से कुल आबादी के एक तिहाई लोगों की मौत हुई थी। 
आज ही के दिन 1648 में दिल्ली में लाल किले का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ था। 
1931 में पॉल डाउमर फ्रांस के राष्ट्रपति चुने गए थे।
1952 में स्वतंत्र भारत की पहली संसद का सत्र शुरु हुआ था।
आज ही के दिन 1962 में सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने थे।
जबकि आज ही के दिन 1967 में डॉ. जाकिर हुसैन भारत के तीसरे राष्ट्रपति बने थे।
2008 में राजस्थान की राजधानी जयपुर सात श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट हुए थे जिसमें 80 से ज्यादा लोग मारे गए थे।
2014 में तुर्की की एक खदान में विस्फोट होने और आग लगने से तकरीबन 238 खदानकर्मियों की मौत हुई थी जिसने पूरे तुर्की को हिला दिया था।

जिन लोगों ने आज जन्म लिया
1901 में मथुरा प्रसाद मिश्र वैद्य जो स्वतंत्रता सेनानी थे।
1905 में फ़ख़रुद्दीन अली अहमद भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति थे ने जन्म लिया।
1918 में टी. बालासरस्वती ,'भरतनाट्यम' की सुप्रसिद्ध नृत्यांगना।

आज के दिन निधन हुआ
2016 में बाबा हरदेव सिंह जो भारत के प्रसिद्ध संत और संत निरंकारी मिशन के आध्यात्मिक गुरु थे।
2001 में आर. के. नारायण ,अंग्रेज़ी में लिखने वाले उत्कृष्ट भारतीय लेखकों में से एक थे।

लाल किला का ​इतिहास
लाल किला एवं शाहजहाँनाबाद का शहर, मुगल बादशाह शाहजहाँ द्वारा ई स 1639 में बनवाया गया था। लाल किले का अभिन्यास फिर से किया गया था, जिससे इसे सलीमगढ़ किले के संग एकीकृत किया जा सके। यह किला एवं महल शाहजहाँनाबाद की मध्यकालीन नगरी का महत्वपूर्ण केन्द्र-बिन्दु रहा है। सम्पूर्ण विन्यास में कई मूलभूत बदलाव ब्रिटिश काल में 1857 का प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के बाद किये गये थे। ब्रिटिश काल में यह किला मुख्यतः छावनी रूप में प्रयोग किया गया था। बल्कि स्वतंत्रता के बाद भी इसके कई महत्वपूर्ण भाग सेना के नियंत्रण में 2003 तक रहे।

लाल किला मुगल बादशाह शाहजहाँ की नई राजधानी, शाहजहाँनाबाद का महल था। यह दिल्ली शहर की सातवीं मुस्लिम नगरी थी। उसने अपनी राजधानी को आगरा से दिल्ली बदला, अपने शासन की प्रतिष्ठा बढ़ाने हेतु, साथ ही अपनी नये-नये निर्माण कराने की महत्वकाँक्षा को नए मौके देने हेतु भी। इसमें उसकी मुख्य रुचि भी थी।

यह किला भी ताजमहल और आगरे के क़िले की भांति ही यमुना नदी के किनारे पर स्थित है। वही नदी का जल इस किले को घेरकर खाई को भरती थी। इसके पूर्वोत्तरी ओर की दीवार एक पुराने किले से लगी थी, जिसे सलीमगढ़ का किला भी कहते हैं। सलीमगढ़ का किला इस्लाम शाह सूरी ने 1546 में बनवाया था। लालकिले का निर्माण 1638 में आरम्भ होकर 1648 में पूर्ण हुआ। पर कुछ मतों के अनुसार इसे लालकोट का एक पुरातन किला एवं नगरी बताते हैं, जिसे शाहजहाँ ने कब्जा़ करके यह किला बनवाया था। लालकोट राजा पृथ्वीराज चौहान की बारहवीं सदी के अन्तिम दौर में राजधानी थी।

11 मार्च 1783 को, सिखों ने लालकिले में प्रवेश कर दीवान-ए-आम पर कब्जा़ कर लिया। नगर को मुगल वजी़रों ने अपने सिख साथियों का समर्पण कर दिया। यह कार्य करोर सिंहिया मिस्ल के सरदार बघेल सिंह धालीवाल के कमान में हुआ।

जयपुर में सीरियल बम विस्फोट
13 मई 2008 को जयपुर में श्रृंखलाबद्ध सात बम विस्फोट किए गए। विस्फोट 12 मिनट की अवधि के भीतर जयपुर के विभिन्न स्थानों पर हुए‍। आठवाँ बम निष्क्रिय पाया गया। घटना में 80 से अधिक लोगों कि मृत्यु व डेढ़ सौ से अधिक घायल हुए। राजस्थान की राजधानी में हुआ यह अब तक का सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है।

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