
जोधपुर की स्थापना
जोधपुर की स्थापना एक राजपूत राव जोधा (1438-89 ई.) ने 1459 में की थी और यह भूतपूर्व जोधपुर रियासत की राजधानी था। मंडोर से हटाकर नयी राजधानी यहाँ बसायी गयी थी। नयी राजधानी को सुरक्षित रखने के लिए चिड़ियाटुंक पहाड़ी पर एक दुर्ग भी बनाया गया था, जो आज भी जोधपुर के किले के नाम से प्रसिद्ध है।
जोधपुर शहर के कुछ हिस्से 18वीं शताब्दी के परकोटे से घिरे हुए हैं। यह दुर्ग, जिसमें महल और ऐतिहासिक संग्रहालय हैं, एक अलग-थलग, लेकिन ऊँची चट्टान पर बना हुआ है, जो दूर से ही दिखाई देता है। इसके ठीक उत्तर में मारवाड़ की प्राचीन राजधानी मंडौर के चौथी शताब्दी के अवशेष विद्यमान हैं। जोधपुर मारवाड़ों का मुख्य वित्तिय राजधानी था, जहाँ राठौड़ वंश ने शासन किया था। जोधपुर थार मरुस्थल के दाहिने छोर पर स्थित है।
2002 में मिस्र, सीरिया व सऊदी अरब ने पश्चिम एशिया मामले में शांति समझौते की इच्छा जताई थी।
2007 में पाकिस्तान के कराची शहर में हिंसा हुई थी जिसमें कुछ जान माल की हानि हुई थी।
2008 में चीन के सिचुआन में भीषण भूकम्प से आया था जिसमें तकरीबन 87 हजार 587 लोग मारे गए थे जो अब तक भूकम्प में सबसे ज्यादा मारे जाने का एक रिकॉर्ड है।
आज जिन लोगों ने जन्म लिया था
आज ही के दिन 1875 में कृष्णचन्द्र भट्टाचार्य जो प्रसिद्ध दार्शनिक, जिन्होंने हिन्दू दर्शन पर अध्ययन किया था ने जन्म लिया था।
1895 - जे. कृष्णमूर्ति जो एक दार्शनिक तथा आध्यात्मिक विषयों के बड़े ही कुशल एवं परिपक्व लेखक थे।
आज के दिन जिनका निधन हुआ
आज ही के दिन हिन्दी कवि शमशेर बहादुर सिंह का निधन हुआ था।