10वीं के बाद ITI करने वाले को 12वीं पास माना जाएगा: मुख्यमंत्री

भोपाल। कौशल प्रशिक्षण के प्रति युवाओं में जागरूकता लाने और उन्हें कौशल प्रशिक्षण के लिए प्रेरित करने के लिये 'रोजगार की पढ़ाई-चलें आईटीआई' अभियान का गुरुवार को यहां से पूरे प्रदेश में एक साथ शुभारंभ हुआ। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केन्द्रीय कौशल विकास राज्य मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी के साथ स्थानीय गोविंदपुरा स्थित आदर्श औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान से अभियान की शुरूआत की। सभी जिलों में शुभारंभ सत्र का लाइव टेलीकास्ट किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा कि 8वीं के बाद आईटीआई करने वाले छात्र को 10वीं के समकक्ष और 10वीं के बाद आईटीआई करने वाले को 12वीं के समकक्ष माना जाएगा। महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिये आई.टी.आई प्रशिक्षण के जरिये कौशल सम्पन्न बनाया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश की जनसंख्या को कौशल सम्पन्न बनाकर इसे प्रदेश की ताकत बनाएंगे। उन्होंने कहा कि हर क्षेत्र में कौशल सम्पन्न मानव संसाधन की जरूरत है। भारत हमेशा से ज्ञान और कौशल का देश रहा है। सीएम ने कहा कि यह कौशल सम्पन्न जनशक्ति का निर्माण कर मध्यप्रदेश को बदलने का मिशन है। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अधोसंरचना को सशक्त किया गया है। नए ट्रेड शुरू किए गए हैं और सभी विभाग को कौशल विकास से जोड़ा गया है। आज आईटीआई में दो लाख सीटें उपलब्ध हैं। इन्हें भविष्य की जरूरतों के अनुरूप बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र में संचालित आईटीआई को निर्देश दिए गए हैं कि वे पढ़ाई और प्रशिक्षण की गुणवत्ता को सुधारें।

भोपाल में ग्लोबल स्किल डेव्हलपमेन्ट सेंटर स्थापित होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि भोपाल में सिंगापुर के सहयोग से ग्लोबल स्किल डेवपलमेंट सेंटर की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के 10 संभागीय आईटीआई को आदर्श संस्थान के रूप में विकसित किया जाएगा। -सीएम ने कहा आईटीआई एवं कौशल विकास के क्षेत्र में मध्यप्रदेश को देश में नम्बर वन बनाया जाएगा। औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों को आदर्श संस्थानों के रूप में विकसित करने के लिए बजट की कोई कमी नहीं है।

मुख्यमंत्री ने कहा उन्होंने कौशल विकास को महायज्ञ बताते हुए कहा कि यह अभियान चार चरण में चलेगा। इसमें स्कूलों को आईटीआई से परिचित करवाया जाएगा और आईटीआई के शिक्षकों को स्कूलों में भी भेजा जाएगा, ताकि स्कूली बच्चे कौशल विकास का महत्व समझ सकें।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विकास और आईटीआई रोजगार प्राप्त करने के सबसे सशक्त माध्यम हैं। प्रदेश में औद्योगिक निवेश तेजी से आ रहा है और उद्योगों को स्किल्ड मेनपॉवर की जरूरत है। मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना और मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना की चर्चा करते हुए चौहान ने कहा कि इनमें आईटीआई प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।

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