
ई-2 अरेरा कॉलोनी निवासी पर्वत महोवे सिक्योरिटी एजेंसी में नौकरी करते हैं। वह मंगलवार सुबह अपनी मां कमला बाई और बेटे के साथ करवला के यहां से घाटी चढ़ते हुए डीआईजी ऑफिस के सामने फुटओवर ब्रिज के पास पहुंचे ही थे कि कोहेफिजा की तरफ से आ रही तेज रफ्तार मिनी बस क्रमांक एमपी-04 एच 8508 ने बाइक को चपेट में ले लिया। हादसा इतना भयानक था कि बाइक मिनी बस के नीचे फंसकर करीब 10 फिट तक घिसट गई। हादसे में बाइक सवार पर्वत समेत तीनों को गंभीर चोटें आई।
पर्वत का दायां हिस्सा बाइक के साथ घिसटने से जख्मी हो गया था। यहां कमला बाई हादसे से इतनी सहम गई कि कुछ बोल ही नहीं पा रही थी। पर्वत को अपनी मां तक का नहीं याद नहीं आ रहा था, तो चार बार पूछने के बाद कमला बाई अपना नाम बता पाई। करीब आधे घंटे बाद उन्हें मेडिकल सहायता मिल पाई।
पुलिस को बताना सिर्फ तीन थे बाइक पर
घटना के बाद लोगों ने घायल की मदद करने की जगह मिनी बस चालक को फंसाने पर ज्यादा ध्यान दिया। किसी का ध्यान इस बात पर नहीं था कि घायलों को चोंटे कितनी आई, लेकिन इसकी सभी को चिंता थी कि मिनी बस चालक न बच पाए। लोगों ने पर्वत को सलाह दी कि पुलिस को यह मत बताना कि तुम तीन लोग बाइक पर थे। पुलिस को बस अपने और मां के बारे में बताना। यहां पर्वत काफी देर तक यह ही नहीं समझ पाया कि हो क्या रहा है। लोग बीच में एक-दूसरे से पूछते रहे कि डायल-100 और एंबुलेंस 108 को कॉल किया है कि नहीं।