
डिप्रेशन पर यहां आयोजित एक कार्यशाला में डॉक्टरों ने बताया कि युवा जिसतरह से मोबाइल के आदी होते जा रहे हैं, यह खतरे की घंटी है। मोबाइल के ज्यादा इस्तेमाल से उनमें चिड़चिड़ापन, थकान, गुस्सा, चिंता जैसी दिक्कतें हो रही हैं। डॉक्टरों ने बताया कि 30 से 35 फीसदी लोग ऐसे हैं जो थोड़ी देर के लिए मोबाइल का इस्तेमाल रोक देने पर बेचैन हो जाते हैं। एम्स के डॉ. अरुण कुमार कोंकणे ने राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 का हवाला देते हुए बताया कि मध्यप्रदेश में 13.9 फीसदी लोग किसी ने किसी तरह की मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं।
मोबाइल व कंप्यूटर के ज्यादा इस्तेमाल से दिक्कतें
सिर दर्द और कंप्यूटर विजन सिंड्रोम का खतरा।
गर्दन की तकलीफ, मांसपेशियों में दर्द
मोटापा बढ़ना
सुनने की क्षमता पर असर
अनिद्रा की बीमारी