
अब इस मामले में बीच का रास्ता ढूंढ़ने की कवायद चल रही है। ईपीएफओ ने कहा है कि कर्मचारियों का पीएफ एकाउंट रेगुलर करने के लिए नियोक्ता से ही पिछला पैसा जमा कराया जाएगा। कर्मचारियों से उनके हिस्से की किस्त नहीं मांगी जाएगी। इस संबंध में निजी संस्थानों एवं शासकीय विभागों में कार्यरत ऐसे कर्मचारियों को चिन्हित किया गया है, जिनका ईपीएफ जमा नहीं कराया जा रहा है।
इस मुद्दे पर पीएफ कमिश्नर प्रदेश के मुख्य सचिव, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं अन्य अधिकारियों से कई दौर की चर्चा कर चुके हैं। मुख्य सचिव ने इस संबंध में सभी विभागों को पत्र भेजकर समीक्षा करने के निर्देश भी दिए हैं। ईपीएफओ कुछ डिफाल्टर संस्थानों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई कर पीएफ कोड जारी कर चुका है।