कश्मीर में पत्थर नहीं शिलालेख: मोदी की योजना | KASHMIR

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब कश्मीर की सूरत बदलने जा रहे हैं। अब वहां पत्थर नहीं शिलालेख दिखाई देंगे। एक तरफ सरकार पत्थरबाजों से निपटेगी तो दूसरी तरफ कश्मीर में विकास की गंगा बहा दी जाएगी। मोदी ने मन बना लिया है। जम्मू कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती से दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के दौरान यह संकेत दिखाई दिए। पीएम आवास पर करीब आधे घंटे तक चली इस बैठक में घाटी के मौजूदा हालात, सिंधु जल समझौता और पत्थरबाजों से निपटने के तरीकों पर बातचीत हुई। बातचीत से साफ है कि एक तरफ जहां केंद्र सरकार ने महबूबा मुफ़्ती से पत्थरबाजों से कड़ाई से निपटने के लिए कहा है तो वहीं दूसरी तरफ कश्मीरियों का दिल जीतने के लिए विकास योजनाओं में तेजी लाने के लिए केंद्र सरकार 25 अप्रैल को गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में बड़ी बैठक बुलाई है।

कहीं नरमी, कहीं गरमी...
सरकार ने कश्मीर को दिल्ली के करीब लाने के लिए दोहरी नीति पर काम कर रही है। पत्थरबाजी और बिगड़े हालात पर सरकार का सख्त रुख बरकरार है। इसके लिए सरकार ने सूबे की सीएम महबूबा मुफ्ती को भी हिदायत दे दी है कि राज्य का माहौल खराब करने वालों के खिलाफ किसी भी तरह की नरमी नहीं बरती जाएगी। दूसरी ओर राज्य में लगातार विकास परियोजनाओं के जरिए केंद्र सरकार कश्मीरियों को ये भरोसा भी दिलाना चाहती है कि वो मुख्यधारा में शामिल हों और कश्मीर के विकास में सहभागी बनें।

महबूबा मुफ्ती यूनिफाइएड कमांड की बैठक बुलाने पर राजी हो गई हैं। इस बैठक में पत्थरबाजों से सख्ती से निपटने की रणनीति बनेगी। साथ ही सुरक्षा बलों को भी हिदायत दी जाएगी कि वो किसी के उकसावे में आकर गलत कदम न उठायें। सूबे के हालात सुधारने के लिए 31 मई तक जल्द बातचीत की प्रक्रिया शुरू करने पर भी सहमति बनी है। पीएम मोदी ने राज्य में जल्द से जल्द बिगड़े हालात पर काबू करने के लिए कहा है।

घाटी में 25 मई को होने वाले अनंतनाग चुनाव से पहले हालात ऐसे बने जिससे लोग ज्यादा से ज्यादा वोट करने के लिए निकलें। दरअसल श्रीनगर में हुए चुनाव की वोटिंग प्रतिशत कम को लेकर सरकार ने चिंता जताई थी साथ ही सुरक्षाबलों पर हमले और सीआरपीएफ के जवानों के साथ बदसलूकी मामले में कड़ी से कड़ी करवाई पर भी चर्चा हुई है। बीजेपी महासचिव और राज्य के प्रभारी राम माधव भी गृह मंत्री राजनाथ सिंह और महबूबा मुफ्ती के साथ बैठक में मौजूद रहे। सूत्रों के मुताबिक बैठक में गठबंधन में आई दरार को नए सिरे से ठीक करने का प्रयास किया गया।

गृह मंत्री राजनाथ सिंह से महबूबा मुफ्ती की मुलाकात से पहले गृहमंत्री ने NSA अजित डोभाल, IB चीफ, गृह सचिव सहित गृह मंत्रालय के दूसरे अधिकारियों के साथ भी बैठक की। इस बैठक में एमएसी रिपोर्ट पर भी चर्चा हुई। सरकार मंगलवार को होने वाली बैठक में किन बिन्दुओं पर फोकर करेंगी इस का खाका तैयार हो चुका है।

महबूबा मुफ़्ती ने कहा...
पीएम मोदी से मुलाकात के बाद महबूबा मुफ्ती ने कहा कि कश्मीर के हालात अच्छे नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य सरकार को बैठकर बातचीत करनी होगी लेकिन उससे लिए पहले माहौल ठीक करना जरूरी है, पत्थरबाजी और गोली के बीच बातचीत मुमकिन नहीं है। कश्मीर को आगे बढ़ाने के लिए वाजपेयी जी की नीति अपनानी होगी। जहां से वाजपेयी जी ने कश्मीर पर अपनी नीति को छोड़ा था उसके आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि सोमवार को यूनिफाइड कमांड की बैठक है जिसमें वाट्सऐप-फेसबुक से पत्थरबाजी करने वालों पर भी चर्चा होगी। महबूबा मुफ्ती ने भरोसा दिया कि जल्द कश्मीर के हालात ठीक होंगे और कुछ लोग घाटी में अशांति फैलाना चाहते हैं लेकिन हम उन्हें कामयाब नहीं होने देंगे।

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