अपने प्राइवेट केस की FEES सरकारी खजाने से चुकाना चाहते हैं केजरीवाल

नई दिल्ली। बेईमानी के खिलाफ आंदोलन करके खड़ी हुई आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की दिल्ली सरकार अब छोटी सी बेईमानी पर उतर आई है। अरविंद केजरीवाल के खिलाफ चल रहे मानहानि के प्राइवेट केस की फीस भी वो सरकारी खजाने से चुकाना चाहते हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को खत लिखा है। मजेदार बात यह है कि उपराज्यपाल को लिखा गया खत बीजेपी के प्रवक्ता ने ट्वीटर पर ​लीक कर दिया है। दूसरा सवाल यह भी है कि एक सरकारी खत भाजपा नेता के हाथ कैसे लग गया। 

क्या है मामला?
अरविंद केजरीवाल ने अरुण जेटली पर दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन (डीडीसीए) में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। जेटली साल 2013 तक डीडीसीए के अध्यक्ष थे। उन्होंने ये ओहदा 13 साल तक संभाला था। आरोपों के खिलाफ जेटली अदालत गए और केजरीवाल के खिलाफ 10 करोड़ रुपये का मानहानि दावा किया। इसके अलावा उन्होंने पटियाला हाउस कोर्ट में इसी मामले में आपराधिक मानहानि का मामला भी दर्ज करवाया है।

कितना बिल केजरीवाल को भरना है?
इस संबंध में दिल्ली सरकार ने लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को खत लिखकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ अरुण जेटली द्वारा दर्ज कराए गए मानहानि केस में कानूनी खर्चों के बिल का भुगतान कराने को कहा है। दिल्ली सरकार का एलजी को लिखा वह खत बीजेपी प्रवक्ता तेजेंद्र बग्गा ने ट्विटर पर जारी किया है, जिसमें 3.86 करोड़ रुपये के कानूनी खर्च के बिल का भुगतान कराने को कहा गया है।

जेठमलानी ने क्या कहा?
'मैं सिर्फ अमीरों से पैसे लेता हूं, गरीबों के लिए मैं तो फ्री में काम करता हूं। ये सब अरुण जेटली का करा धराया है जो मेरे क्रॉस-एग्जामिनेशन से डरे हुए हैं। अगर दिल्ली सरकार या वह (केजरीवाल) पेमेंट नहीं करते हैं तो मैं उन्हें एक गरीब क्लाइंट समझूंगा। 

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