मप्र: लीजिए शुरू हो गया BS-3 वाहन घोटाला

भोपाल। घोटालेबाजों को अब कोई नहीं रोक सकता। मोदी ने नोटबंदी की तो लोगों ने पुराने नोट बदलने के लिए ऐसे नए रास्ते निकाले कि प्रधानमंत्री भी हतप्रभ रह गए। अब सुप्रीम कोर्ट ने BS-3 वाहनों की ​बिक्री पर रोक लगाई तो डीलर्स ने इसमें भी घोटाला शुरू कर दिया। वो लास्ट डेट 31 मार्च बीत जाने के बाद BS-3 वाहन खुलेआम बेच रहे हैं। सरकार का कोई सिस्टम उन्हे ऐसा करने से रोक नहीं सकता। उन्होंने नियमों में मौजूद सुविधाओं का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। 

यह तो ज्ञात होगा ही कि सुप्रीम कोर्ट ने बीएस-3 वाहनों की 31 मार्च के बाद बिक्री पर रोक लगा दी थी। इसके बाद पूरे देश में हंगामा हुआ। कंपनियों के पास बीएस-3 वाहनों का भारी स्टॉक था। वो किसी भी हालत में बीएस-3 वाहनों को कचरा नहीं करना चाहतीं थीं अत: कंपनियों ने डीलर्स को आॅफर दिया कि वो 25 हजार रुपए तक का भारी डिस्काउंट देकर बीएस-3 वाहनों को ठिकानें लगा दें। कंपनियों की ओर से भारी डिस्काउंट के विज्ञापन भी जारी हुए। लोगों की लाइन लगी। हालात यह बने कि नौकरशाह और नेता अपनी पॉवर तक का इस्तेमाल इन वाहनों की खरीदी के लिए कर रहे थे। 31 मार्च दोपहर तक खबरें आने लगीं थीं कि देश भर में बीएस-3 वाहनों का स्टॉक खत्म हो गया है। लाखों ग्राहक खाली हाथ लौटा दिए गए। 

अब डीलर्स ने बीएस-3 वाहन घोटाला शुरू कर दिया है। दरअसल, उन्होंने अपने कर्मचारियों के नाम ढेर सारे वाहनों के रजिस्ट्रेशन 30 मार्च को ही करा लिए थे। अब डीलर्स ग्राहकों को आॅफर दे रहे हैं कि यदि वो बीएस-3 वाहन डिस्काउंट में खरीदना चाहते हैं तो उपलब्ध हैं। वाहन ब्रांड न्यू है, लेकिन कागजों में यह सेकेंड हेंड होगा। 15 दिन में वाहन का रजिस्ट्रेशन अपने नौकर के नाम से ग्राहक के नाम पर ट्रांसफर करा दिया जाएगा। 

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