दमोह: अब तो नाले का पानी भी खत्म होने वाला है, क्या करें

रमज़ान खान/बटियागढ़। विधायक लखन पटैल की विधानसभा की बटियागढ़ तहसील के शहजादपुरा ग्राम पंचायत के अंतर्गत आने वाले गीदन गांव में इन दिनों पानी का अकाल आन पड़ा है। करीब 300 लोगों की आबादी वाले इस गांव में 3 हैंडपंप लगाए गये लेकिन सरकारी नुमाइंदों की बेरुखी की वजह से तीनों ही हैंडपंप बिगड़ी हालत में पड़े हैं। गांव वालों का कहना है कि तीनों ही हैंडपंपों के गड्ढों में पानी नहीं है। इसलिए यह हैंडपंप सुधारे नही गये। गीदन गांव के निवासी मूरत आदिवासी का कहना है की हैंडपंपों से हमें सिर्फ बरसात के चार महीनों में ही पानी पीने मिलता है बाकी के8 महीने हमें इधर उधर से पानी लाना पड़ता है।

इस भीषण गर्मी के दिनों में इस गांव के लोग जंगली पथरीले रास्ते से होकर करीब 3 किलोमीटर पैदल चलकर नाले से पीने का पानी ला रहे हैं। यह नाला गांव से करीब 3 किलोमीटर दूर पहाड़ी के नीचे घने जंगलों के बीच है, जहां चारों तरफ घना जंगल और उसके साथ जानवरों का खतरा बना रहता है लेकिन फिर भी यह अपने कंठों को तर करने के लिए रोजाना खतरे से खेल कर पीने का पानी ला रहे हैं। 

रास्ता इतना पथरीला है कि पानी लाते वक्त औरतों के पैरों में छाले पड़ जातेे हैं।पानी के लिए जंग लड़ते इन गांव वालों की कहानी को आप तस्वीरों को देखकर ही समझ जायेंगे,की किस तरह इस गांव के लोग रोजाना मौत को गले लगाकर जीने के लिए पानी लाते हैं।इतनी विकराल समस्या के बावजूद भी सरकार इन गरीब तबके के लोगों के लिए पानी का कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर पा रही है। गांव की महिलाएं जिस नाले से पानी लाती हैं उसमें भी महज चंद दिनों के लिए ही पानी बचा हुआ है। 
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