
मंत्रालय ने इस प्रोफाइल में शिक्षकों की जाति, धर्म, आधार और फोन नंबर जैसी जानकारी भी डाली है। बाकि शिक्षकों की प्रोफाइल एक महीने के भीतर पूरी कर ली जाएगी। जबकि अगले साल छात्रों के लिए भी इसी तरह का डाटाबेस तैयार किया जाएगा।
एचआरडी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आर सुब्रहमण्यन ने अग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया हमारा मानना है कि यहां काफी फर्जी लेक्चरर हैं। देश में ऐसे भी कई शिक्षक हैं जो एक से ज्यादा गैर सरकारी इंस्टिट्यूट में काम कर रहे हैं। आधार कार्ड जैसी व्यक्तिगत जानकारी से ऐसे शिक्षकों का पता लगाने में हमें मदद मिलेगी। हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि धर्म और जाति की जानकारी से इस फर्जीवाडे़ में मदद नहीं मिलेगी। लेकिन, सभी जानकारी मिलने से काम का बोझ काफी कम हो जाएगा।