
प्रदेश में फिलहाल करीब 2.5 लाख कर्मचारी विभिन्न विभागों में कार्यरत हैं जबकि 1.5 लाख से अधिक कर्मचारी बोर्ड, कॉर्पोरेशन और निगमों में कार्यरत हैं। प्रदेश के विभिन्न जिलों में की गई छापामारी के दौरान सरकारी कर्मचारियों के परिसरों में बिजली चोरी के कई मामले सामने आए हैं। अब तक जिन पर केवल बिजली अधिनियम के तहत ही कार्रवाई की गई, जबकि संबंधित विभागों को जानकारी भी नहीं दी गई, जहां वह कार्यरत हैं।
ऐसे मामलों में सख्ती करते हुए उत्तर व दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने यह फैसला किया है कि बिजली चोरी में अगर कोई भी सरकारी कर्मचारी संलिप्त पाया गया तो उन पर बिजली अधिनियम के तहत कार्रवाई के अलावा उनसे संबंधित विभाग को भी जानकारी दी जाएगी। इससे उन पर जुर्माने के साथ-साथ विभागीय कार्रवाई भी की जा सकेगी।