
सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिये गये है कि वह अपने अपने जिलों में अध्यापकों के किये डेपुटेशन रदद करके संबधित अध्यापक को उसकी पोस्टिंग वाले स्कूल में भेजे। इसके साथ ही स्कूल मुख्यों को निर्देश दिये गये है कि वह अपने अधीन कार्य कर रहे स्टाफ का वेतन निकलवाते और बांटते समय यह यकीनी बनाएगे कि यहां कोई भी अधिकारी-कर्मचारी डेपुटेशन पर नही गया हुआ। इस संबधी यदि किसी प्रकार की लापरवाही ध्यान में आती है तो सारी जिम्मेवारी संबधित स्कूल मुख्य की होगी।
शिक्षा मंत्री अरूणा चौधरी ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि राज्य के कई स्कूलों में अध्यापक-कर्मचारी डेपुटेशन पर बैठे है जिस कारण ऐसे अध्यापकों के पक्के तैनाती वाले स्कूलो में पढ़ाई का नुकसान होता है। उन्होने यह भी कहा कि भविष्य में यदि किसी अत्यन्त आवश्यक केस में बच्चें की पढ़ाई को ध्यान में रखते हुये किसी अध्यापक को जरूरत अनुसार अतिरिक्त डियूटी या डेपुटेशन पर भेजना है तो इस संबधी संबधित डीपीआई से स्वीकृति लेनी अनिवार्य होगी।