भारत की 9 लाख प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

नई दिल्ली। शनिवार को कहा कि पंजीकरण के बाद कंपनी मामलों के मंत्रालय को टैक्स रिटर्न न भरने वाली नौ लाख कंपनियां लगातार सरकार की निगरानी में हैं। प्रवर्तन निदेशालय दिवस के मौके पर यहां अधिया ने कहा, "पंजीकृत 15 लाख कंपनियों में से सिर्फ छह लाख कंपनियां ही टैक्स रिटर्न भरती आ रही हैं। आठ से नौ लाख कंपनियों ने पंजीकरण के तुरंत बात टैक्स रिटर्न भरना बंद कर दिया और संभव है कि ये कंपनियां धन शोधन में लिप्त हों।"

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा गठित कार्य बल लगातार इन कंपनियों पर हर पखवाड़े निगरानी रख रही हैं। उन्होंने कहा, "हमने इनमें से धन शोधन में लिप्त होने की आशंका वाली कुछ कंपनियों को नोटिस जारी किया है और प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा गठित कार्य बल के साथ समन्वय बनाए हुए हैं। अधिया ने कहा कि बैंक ऑफ बड़ौदा से संबद्ध 6,000 करोड़ रुपए का मामला स्पष्ट संकेत देता है कि इन दिनों कारोबार के जरिए धन शोधन तेजी से हो रहा है, जो फर्जी कंपनियों के जरिए अवैध तरीके से किया जा रहा है।

फर्जी कंपनियों पर लगाम लगाने के उद्देश्य से सरकार ने फरवरी में देशव्यापी अभियान शुरू किया और ऐसी कंपनियों के खिलाफ 'सख्त दंडात्मक कार्रवाई' करने का फैसला किया, जिसमें इस तरह की कंपनियों के बैंक खाते जब्त करना शामिल है। प्रवर्तन निदेशालय ने भी सख्त कार्रवाई करते हुए इन फर्जी कंपनियों की चल-अचल संपत्तियां जब्त की हैं और पिछले दो महीने में कई अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया है।

ईडी ने इस दौरान 11,289 करोड़ रुपए की संपत्तियां जब्त कीं और 104 मामलों में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत मुकदमे शुरू किए। इस अवसर पर राजस्व सचिव ने ईडी के काम की भी सराहना की और आश्वस्त किया कि ईडी में नियुक्तियां बढ़ाई जाएंगी और इसकी निगरानी प्रणाली को सुदृढ़ करने के लिए अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी मुहैया कराई जाएगी।

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