मप्र में 30 जून तक हेलमेट अभियान, फिर होगी धरपकड़ | HELMET

भोपाल। बिना हेलमेट धारण किये दो पहिया वाहन चालकों के विरुद्ध 30 जून तक विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अभियान का उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं की संख्या, उसमें होने वाली मृत्यु और घायलों की संख्या पर प्रभावी नियंत्रण करना है। अभियान की कार्यवाही का साप्ताहिक प्रतिवेदन प्रत्येक सोमवार को भेजने के निर्देश भी दिये गये हैं। सुप्रीम कोर्ट कमेटी ऑन रोड सेफ्टी द्वारा दो पहिया वाहन चालक के साथ पीछे बैठे व्यक्ति को भी हेलमेट पहनने की अनिवार्यता को अभियान के दौरान प्रोत्साहित करने को कहा गया है।

अब बाल खराब नहीं करेगा हेलमेट 
सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हेलमेट का डिजाइन जल्द बदलेगा। मौजूदा हेलमेट न मौसम के अनुकूल हैं और ना ही ज्यादा सुविधाजनक हैं। इसलिए नए हेलमेट का डिजाइन भूतल परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय और भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) साझा रूप से तैयार कर रहे हैं। सभी कंपनियां दो माह के भीतर नए मापदंडों पर ही हेलमेट का निर्माण करेंगी। हेलमेट की कीमत औसतन 700-800 रुपये रहेगी।

मौजूदा हैलमेट में क्या दिक्कत है
वजन 500 ग्राम से लेकर ढाई-तीन किलो तक रहता है। स्टेप बेहद कमजोर होता है। गर्मी में पसीना अधिक आता है। धूल मिट्टी से बचाव की गुंजाइश कम। ज्यादातर हेलमेट में पेंडिंग तय मापदंडों के मुताबिक नहीं। बाल खराब होने की शिकायत रहती है। हेलमेट के आगे लगा शीशा कमजोर होता है। यह चालक को नुकसान पहुंचा सकता है। 
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भारत मानक ब्यूरो (बीआईएस) के मापदंडों के मुताबिक 223 कंपनियां आईएसआई मार्का के तहत नया हेलमेट बनाएंगी। इनमें 128 कंपनियां दिल्ली में हैं। दो विदेशी कंपनियों को भी मान्यता दी गई है। 
संजय पंत, 
निदेशक, सिविल इंजीनियरिंग (बीआईएस)
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नया हेलमेट स्थानीय परिस्थतियों को ध्यान में रखकर बनेगा। धूल-मिट्टी से बचाव, पसीना न आए और भारतीय सड़कों व दुपहिया वाहनों की रफ्तार, आदि बातों के मद्देनजर दो माह में इसे तैयार कर लिया जाएगा।
अभय दामले, 
संयुक्त सचिव, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय

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