MODI के मंत्रीमंडल में फेरबदल की तैयारियां शुरू, रक्षा और विदेश मंत्रालय में नए चेहरे

नई दिल्ली। नरेंद्र मोदी कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं। माना जा रहा है कि 12 अप्रैल को पार्लियामेंट का सेशन खत्म होने के बाद वे इसका फैसला ले सकते हैं। इस फेरबदल में कुछ नए चेहरों को कैबिनेट में जगह मिल सकती है। फाइनेंस मिनिस्टर अरुण जेटली को डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज दिया गया है। इसकी वजह है डिफेंस मिनिस्टर रहे मनोहर पर्रिकर का गोवा का सीएम बनना। डिफेंस और फाइनेंस मिनिस्ट्री को ज्यादा वर्कलोड वाला डिपार्टमेंट माना जाता है। लिहाजा, नए डिफेंस मिनिस्टर के अप्वाइंटमेंट की संभावना जताई जा रही है।

बता दें कि 2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी की जीत के बाद भी जेटली को डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज दिया गया था लेकिन ये अरेंजमेंट कामयाब नहीं हुआ। बाद में तब गोवा के सीएम रहे पर्रिकर को डिफेंस मिनिस्टर बनाया गया। हालांकि, जानकारों का कहना है कि डिफेंस मिनिस्ट्री का एडिशनल चार्ज संभाल रहे जेटली इस वक्त खास जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। डिफेंस मिनिस्टर होने के नाते वे यहां भी फाइनेंशियल डिमांड का मुद्दा उठा सकते हैं।

इस बीच, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान को केंद्र में लाकर डिफेंस मिनिस्ट्री का चार्ज देने की अटकलें तेज हुई थीं लेकिन खुद शिवराज ने मंगलवार को इसे अफवाह करार दिया।

क्या कहते हैं सरकार से जुड़े लोग?
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एक अफसर ने कहा, "किसे कौन-सी भूमिका में रखा जाएगा, ये कहना अभी मुश्किल होगा। संभावना इस बात की भी है कि सुषमा स्वराज से विदेश मंत्रालय का चार्ज ले लिया जाए। दिसंबर में उनका किडनी ट्रांसप्लान्ट हुआ था। हालांकि, लोकसभा में अपनी 15 मिनट की स्पीच में वे कम्फर्टेबल नजर आई थीं। अफसरों का ये भी कहना है कि कैबिनेट में कुछ नए चेहरे शामिल किए जा सकते हैं। वहीं, कुछ का प्रमोशन भी हो सकता है।

मोदी सरकार के पूरे हो रहे हैं 3 साल
मई में मोदी सरकार के 3 साल पूरे हो रहे हैं। सरकार का टर्म 26 महीने का रह गया है। माना जा रहा है कि अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी वे नए लोगों को दे सकते हैं। माना जाता है कि जब पार्लियामेंट सेशन चल रहा हो, उस दौरान किसी तरह का फेरबदल नहीं किया जाता। हालांकि, ऐसा कोई नियम नहीं है। मोदी ने पिछले साल जुलाई में फेरबदल किया था। तब एचआरडी मिनिस्टर रहीं स्मृति ईरानी को टेक्सटाइल और सदानंद गौड़ा को लॉ से हटाकर स्टैटिसटिक्स मिनिस्ट्री की जिम्मेदारी दी गई थी। वेंकैया नायडू को इन्फॉर्मेशन-ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री मिली थी, वहीं एमजे अकबर को विदेश राज्य मंत्री बनाया गया था।

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