MANOJ SINHA: राजनीति का गणित और ज्योषित के आंकड़े, सब सिन्हा के पक्ष में

नई दिल्ली। हालांकि भारत सरकार के रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने ऐसी किसी भी रेस में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है परंतु ज्योतिष कहती है कि यदि मनोज सिन्हा को उत्तरप्रदेश की कमान सौंपी गई तो वो वहां ना केवल सफल सीएम साबित होंगे बल्कि कई रिकॉर्ड भी बनाएंगे। आइये देखते है मनोज सिन्हा की पत्रिका तथा उनके ग्रह योग क्या संकेत करते है।

पंडित चंद्रशेखर नेमा "हिमांशु" के अनुसार मनोज सिन्हा की मेष राशि है इस राशि मॆ परम कारक ग्रह गुरु की राशि मॆ राज्य का स्वामी शनि ग्रह विराजमान है।गुरु की दृष्टि परम कारक सुख व जनता स्थान के स्वामी चंद्र पर तथा राज्य के परम कारक ग्रह सूर्य पर पड़ रही है। पत्री बहुत शक्तिशाली है।उत्तर दिशा का कारक गुरु ग्रह इनकी पत्रिका मॆ भाग्य का स्वामी होकर पूरी पत्रिका मॆ प्रभाव डाल रही है। राज्य का स्वामी शनि राशि से भाग्य स्थान से भ्रमण कर रहा है।जन्म का शनि धनु राशि  का है तथा वर्तमान मॆ शनि भी धनु राशि से भ्रमण कर रहा है। जन्म का गुरु तुला राशि मॆ है जो जुलाई मॆ तुला राशि मॆ आने वाला है। भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से ग्रह योग काफी मिलते है। दोनो मेष राशि के है तथा दोनो कॊ गुरु की दशा चल रही है।यदि ये उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री बनते है तो उनका कार्यकाल काफी उपलब्धि वाला रहेगा।

इधर रेल राज्य मंत्री और गाजीपुर से भाजपा सांसद मनोज सिन्हा सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं परंतु उनका कहना है कि मुझे पता नहीं है कि कौन सीएम की रेस में है। मनोज सिन्हा ने ये भी कहा कि मैं रेस में नहीं हूं और मुझे इसकी जानकारी नहीं है। आइए जानते हैं मनोज सिन्हा के बारे में: 

छात्र नेता का बैकग्राउंड
मनोज सिन्हा संचार मंत्री, रेल राज्य मंत्री के साथ-साथ एक सिविल इंजिनियर भी हैं। सिन्हा आईआईटी बीएचयू के छात्र रहे हैं। बीएचयू में छात्र नेता के तौर पर वे काफी सक्रिय रहे। यहीं से राजनीति की शुरूआत भी हुई। भाजपा में ज्यादातर छात्रनेता सफल रहे हैं। मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी छात्र राजनीति से ही शुरूआत की थी। 

मोदी और अमित शाह की साझा पसंद 
मोदी के करीबी रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भी करीबी माने जाते हैं। पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध हैं। जब मोदी प्रचारक थे तब मनोज सिन्हा के गांव आते थे। पीएम मोदी जब गुजरात के सीएम थे तब वह मनोज सिन्हा का प्रचार करने गाजीपुर जाया करते थे।

साफ सुथरी छवि
आईआईटी बीएचयू से पढ़े मनोज सिन्हा की छवि काफी साफ सुथरी है। मनोज सिन्हा राजनीति में सक्रिय रहे और सिन्हा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष भी थे और साल 1996 में सिन्हा पहली बार सांसद बने थे। विवादों से अक्सर दूर रहने वाले मनोज सिन्हा मोदी सरकार में अहम रोल निभा रहे हैं।

मोदी ने की थी खुली तारीफ 
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में पिछली मुलाकात में सिन्हा के काम और रेल मंत्री के रूप में काफी सराहना की थी और कहा था कि मनोज सिन्हा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश विशेषकर वाराणसी के विकास के लिए बढ़िया काम किया है। सिन्हा लोकसभा में तीन बार भाजपा सांसद रहे हैं वह लोअर हाउस में गाजीपुर का प्रतिनिधित्व करते हैं और भूमिहार जाति से हैं। 

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !