
यहां बता दें कि उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री के पद पर आदित्यनाथ योगी की ताजपोशी को लेकर श्रीजात बनर्जी ने एक विवादास्पद कविता फेसबुक पर पोस्ट की थी। हिंदू भावनाओं को आहत करने को लेकर हिंदू संहति संगठन से जुड़े एक सदस्य अर्णव सरकार ने सिलीगुड़ी में श्रीजात के खिलाफ एफआइआर दर्ज कराई थी।
फेसबुक ने पहले श्रीजात की कविता को डीलिट कर दिया और फिर अगले ही दिन माफी के साथ कविता को वापस उनके वाल पर लौटा दिया। वहीं इस पूरे प्रकरण में कवयित्री मांदक्रांता सेन ने खुलकर श्रीजात का समर्थन किया। उन्होंने श्रीजात के पक्ष में अपने फेसबुक वाल पर कई कविताएं लिखी हैं।
इतना ही नहीं कवयित्री ने श्रीजात के पक्ष में शनिवार को एक जुलूस का आयोजन किया था, जिसमें शहर के कई बुद्धिजीवी शामिल हुए थे। कवयित्री मांदक्रांता सेन ने मोदी सरकार के खिलाफ असहिष्णुता का आरोप लगाते हुए साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार लौटा दिया था।