कोर्ट ने किसान के नाम कर दी शताब्दी एक्सप्रेस ट्रेन और एक स्टेशन

नई दिल्ली। भारत के कोई कितना भी रईस हो, उसके पास अपना प्राइवेट प्लेन हो सकता है लेकिन क्या कभी कोई किसी ट्रेन का मालिक हो सकता है ?, पंजाब का एक किसान संपूर्ण सिंह शताब्दी एक्सप्रेस जैसी लक्झरी और हाईस्पीड ट्रेन का मालिक बन गया है। कोर्ट ने उसे यह मालिकाना हक दिया है। क्योंकि रेलवे ने उसकी जमीन का अधिग्रहण किया था परंतु मुआवजा नहीं दिया। कोर्ट ने पूरी ट्रेन ही किसान के नाम कर दी। इसके साथ ही लुधियाना का रेलवे स्टेशन भी किसान के नाम चढ़ा दिया गया। 

बुधवार को अदालती स्टाफ के साथ किसान के एडवोकेट्स ने बाकायदा रेलवे स्टेशन पर जाकर कुर्की के आदेश विभागीय अफसरों को तामील कराए। शाम को जब अमृतसर से दिल्ली जाने वाली स्वर्ण शताब्दी करीब 7 बजे प्लेटफॉर्म एक पर पहुंची तो अदालती स्टाफ ने अटैचमेंट की कार्रवाई पूरी की। ऐसे में प्लेटफॉर्म पर मौजूद मुसाफिर उत्सुकता से यह जानने की कोशिश करते रहे कि क्या मामला है। वहीं, अदालती स्टाफ ने मुवक्किल किसान के एडवोकेट्स की मौजूदगी में रेलवे के सेक्शन इंजीनियर प्रदीप कुमार को ट्रेन की सुपुर्ददारी दी। ताकि अदालती हुक्म की तामील के साथ ही मुसाफिरों को परेशानी पेश आए।

सुपुर्ददारी के तहत रेलवे स्टाफ अदालती अमानत बन चुकी ट्रेन की जिम्मेदारी संभालेगा। ताकि अदालत के अगले हुक्म की तामील भी करा सके। अगले अदालती आदेश तक ट्रेन की आवाजाही जारी रहेगी। 

इस मामले में अब अदालत द्वारा बेलिफ की रिपोर्ट मिलने के बाद 18 मार्च को अगला आदेश दिया जाएगा। किसान संपूर्ण सिंह के वकीलों आरडी चौधरी और राकेश गांधी के मुताबिक अगर उनके मुवक्किल को बकाया मुआवजे का भुगतान नहीं हो पाता है तो वह अदालत से कुर्क की गई रेलवे की संपत्ति की नीलामी कराने की गुहार लगाएंगे।

ये था मामला :
लुधियाना-चंडीगढ़ रेलवे ट्रैक के लिए समराला के पास गांव कटाणा में किसान संपूर्ण सिंह की जमीन भी एक्वायर की गई थी। जिसका कुल मुआवजा 1 करोड़ 5 लाख 38 हजार 231 रुपए 51 पैसे तय हुआ था। जिस पर भुगतान होने तक 18 फीसदी ब्याज भी देना था। जब मुआवजा राशि लंबे समय तक नहीं मिली तो संपूर्ण सिंह ने लुधियाना जिला कोर्ट में एडीशनल जिला एवं सेशन जज जसपाल वर्मा की अदालत में गुहार (एक्जीक्यूशन) लगाई। जिस पर कोर्ट ने किसान को मुआवजा दिलाने के लिए अदालत के बेलिफ को रेलवे की संपत्ति कुर्क करने के लिए भेजा।इस संपत्ति की सूची मुवक्किल ने अपने वकीलों के जरिए मुहैया कराई। जिसमें स्वर्ण शताब्दी ट्रेन के साथ रेलवे स्टेशन मास्टर का ऑफिस भी शामिल है।

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