नवरात्रि व्रत: शत्रुओं का नाश, सत्ता और कारोबार में सफलता मिलती है

चैत्र नवरात्रि के नौ दिन मॆ भगवान सूर्य का तपना अर्थात गरम होना प्रारम्भ होता है। इस दिन कॊ सृष्टि का प्रारम्भ भी माना जाता है। इन नौ दिनो मॆ की गई तपस्या वर्ष भर आपके सफल रहने का प्रमुख सूत्र है। नौ के अंक कॊ शक्ति का अंक माना गया है इस अंक का स्वामी मंगल ग्रह होता है। मंगल ग्रह से रक्षा प्रतिरक्षा तथा युद्ध का विचार किया जाता है। जिस व्यक्ति का मंगल ग्रह अच्छा होता है वह बलवान फुर्तीला शत्रुओं के दमन करने मॆ निपुण रहता है। ऐसे व्यक्ति कॊ भूमि तथा बड़ा अधिकार मिलता है। नवरात्र के ये दिन तपस्या के लिये परम सिद्ध तथा शक्तिशाली होते है। इन नौ दिनो मॆ व्रत रखने वालो पर मंगल तथा सूर्य अर्थात बल वृद्धि और राज्यकृपा बनी रहती है।

सूर्य कृपा
नवरात्र के नौ दिन मॆ नौ देवियों की पूजा होती है। फ़िर भगवान राम का जन्म होता है जिनका जन्म ही सभी बुराई का अंत कर मर्यादा की स्थापना करने के लिये होता है। अर्थात इन नौ दिन व्रत करने वालो कॊ भगवान राम अर्थात वह शक्ति जो रोम रोम मॆ बसी है उसकी कृपा मिलती है। यह शक्ति सभी शक्तियों का पूर्ण रूप है। जिस तरह मा के गर्भ मॆ नौ माह पश्चात पूर्ण शिशु का जन्म होता है। उसी तरह इन नौ दिन के तप से आपके अंदर राम रूपी महाशक्ति का जन्म होता है। भगवान राम सूर्यवंश के नायक है। भगवान सूर्य से ही राज्यकृपा देखी जाती है इसीलिये इन नौ दिनो मॆ  व्रत करने से राज्यकृपा प्राप्त होती है।

नवरात्र तथा व्यापार
नवरात्रि के नौ दिन मॆ नौ देवियों की पूजा की जाती है तथा कन्याओं कॊ पूजन के पश्चात भोजन कराकर आशीर्वाद लिया जाता है। इसका व्यापार से गहरा सम्बन्ध है। देवी शक्ति, कन्या तथा व्यापार का कारक ग्रह बुध होता है। यह ग्रह पत्री मॆ अच्छा होने पर व्यक्ति बुद्धि विवेक से सम्पन्न कुशल व्यापारी होता है। बुद्धि दो प्रकार की होती है अच्छी और खराब बुद्धि। जो व्यक्ति संयमित खानपान, सदविचार व तपस्या का पालन करते है उनकी बुद्धि त्रीव रहती है। फलस्वरूप वे व्यापार मॆ सही गलत का फैसला कर सफलता प्राप्त कर उन्नति प्राप्त करते है। वही जिनका खानपान अशुभ गंदे विचार तथा सोच गंदी रहती है उनकी बुद्धि भी अशुभ रहती है। फलस्वरूप वे सही गलत का निर्णय न ले पाकर गलत चक्करों मॆ पढ़कर पतन की और जाते है। इसीलिये नवरात्री मॆ की गई तपस्या और संयम आपको व्यापार मॆ लाभ दिलाती है। कन्या पूजन से मिला आशीष तथा आपकी नौ दिन की तपस्या से सूर्य, मंगल तथा बुध ग्रह शुभ हो जाते है। जब ये तीन ग्रह शुभ होते है तब व्यापार मॆ सफलता निश्चित रहती है। इसिलिये नवरात्रि व्रत अवश्य करे इससे व्यापरी विद्यार्थीयों तथा हर व्यक्ति कॊ परमशक्ति का आशिष मिलता है और जो परमशक्ति से जुड़ा है वह स्वयं शक्तियों का स्वामी तथा हर क्षेत्र मॆ सफल होता है।
पंडित चंद्रशेखरनेमा"हिमांशु"
9893280184
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