भोपाल। कोहेफिजा के बरेला गांव की छह वर्षीय मासूम की मौत फंदे से दम घुटने के कारण हुई है लेकिन, परिस्थितियां हत्या की ओर इशारा कर रही हैं। मौत से कुछ समय पहले मासूम के साथ ज्यादती की गई थी। यह खुलासा बच्ची की शार्ट पीएम रिपोर्ट में हुआ है। रिपोर्ट सोमवार को मेडिकोलीगल इंस्टीट्यूट के अफसरों ने कोहेफिजा पुलिस को सौंप दी। घटनास्थल से जुटाए गए सबूत फांसी को एक्सीडेंटल अथवा सुसाइडल अटेंप्ट नहीं बता रहे हैं। इसके अलावा बच्ची के प्राइवेट पार्ट में जख्म मिले हैं, जो उसके साथ प्राकृतिक और अप्राकृतिक सेक्स किए जाने की पुष्टि कर रहे हैं। इस कारण मौत को एक्सीडेंटल सुसाइड की श्रेणी से बाहर रखा है।
पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि फंदे की गांठ किसने लगाई बच्ची जिस दुपट्टे के फंदे में लटकी मिली उसके दोनों सिरों पर मजबूत गांठ लगी थी। 6 साल की बच्ची इस तरह गांठ नहीं लगा सकती। फोरेंसिक विशेषज्ञों के मुताबिक वयस्क व्यक्ति ही इतनी मजबूत गांठ लगा सकता है।
शव देख बहनों ने किसी को बताया क्यों नहीं
बच्ची का शव उसकी बहनें दूसरी मंजिल से करीब 20 सीढ़ियां उतरकर नीचे लाईं। बहन को फंदे पर लटका देख उन्होंने चीख-पुकार तक नहीं मचाई। अमूमन ऐसे मामलों में ऐसा नहीं होता है।
दरवाजा कैसे खुला था
कमरे का दरवाजा खोलकर कोई भी व्यक्ति खुदकुशी नहीं कर सकता लेकिन, छह साल की बच्ची जिस कमरे में फंदे पर झूलती मिली, उसका दरवाजा खुला हुआ था। इससे सुसाइड के प्वाइंट पर सवाल उठ रहे हैं।
गले पर ‘V’ मार्क कैसे बना
अगर किसी का रस्सी या तार से गला घोंट दिया जाए, तो मृतक के गले पर ‘O’ का निशान बनता है। जबकि व्यक्ति की मौत फंदे पर लटकने से होती है तो गर्दन पर ‘V’ का निशान बनता है। मासूम की गर्दन पर ‘V’ मार्क है।
मौत के कुछ समय पहले ज्यादती
एमएलआई डायरेक्टर डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि बच्ची की मौत के कुछ समय पहले उसके साथ ज्यादती की गई थी। बच्ची के गाल और सीने पर लगी चोटें सामान्य नहीं हैं। ये चोटें घटना से पहले बच्ची की आरोपी से झूमा-झटकी होने की पुष्टि कर रही हैं। बच्ची के साथ अप्राकृतिक कृत्य भी हुआ है। ऐसा उसके साथ पिछले कुछ सप्ताह से हो रहा था। इसके सबूत उसकी मेडिकल जांच में मिले हैं। डिटेल पीएम रिपोर्ट मंगलवार को पुलिस को भेजी जाएगी।
पुलिस की जांच धीमी क्यों
ताकि असल आरोपी पुख्ता सबूतों के साथ गिरफ्तार किया जा सके। शक के दायरे में कई लोग हैं। पुलिस अफसरों का कहना है कि पुख्ता सबूत तक पहुंचने में समय लग रहा है। तकनीकी पक्षों को खंगालकर सही आरोपी पकड़ा जाएगा।