BALAGHAT: जांच दल को गोदामों में भरे सरकारी चावल में इल्लियां मिलीं

आनंद ताम्रकार/बालाघाट। खादय नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता संरक्षण मंत्री ओमप्रकाश धुर्वे के निर्देश पर गठित राज्य स्तरीय जांच दल जिसमें एच एस परमार संयुक्त संचालक खादय नागरिक उपभोक्ता संरक्षण, सुनील गोखे क्षेत्रीय प्रबंधक मध्यप्रदेश वेयर हाउसिंग कारपोरेशन, रवि सिंग क्षेत्रीय प्रबंधक मध्य्रप्रदेश सिविल सप्लाई कारपोरशन, राजेन्द्र सिंग क्षेत्रीय प्रबंधक राज्य विपणन सहकारी संघ जबलपुर ने कल बालाघाट जिले के कटंगी स्थित 8 गोदामों में जहां 50 हजार 840 क्विंटल चावल अमानक स्तर का एवं उपयोग के अयोग्य होने के कारण उसकी निकासी पर रोक लगा दी गई है, का गोदामों से 10 सेंपल लिये जिन्हें जांच के लिये भोपाल ले जाया गया है।

गोदामों में भण्डारित चावल की हालत इतनी खराब हो गई है कि वह जानवरों के खाने के लायक नही रह गया उसमें इल्लियां लग चुंकी है। चावल की सुरक्षा के लिये कोई उपाय भी नही किये गये। रखरखाव में लापरवाही और चावल की हालत का जायजा लेने के बाद अधिकारियों ने नागरिक आपूर्ति निगम तथा गोदाम के प्रभारी को फटकार भी लगाई है।

विगत वर्ष 2015 में कस्टम मिंलिग के माध्यम से संग्रहित कर रखे गये अमानक स्तर के इस चावल की देखरेख में हर माह 1.5 से 2 लाख रूपये व्यय किया जा रहा  है। इस चांवल की कीमत लगभग 13 करोड रूपये बताई गई है। यह उल्लेखनीय है कि वर्ष 2014-15 के दौरान खरीदे गये इस चांवल के अमानक होने के संबंध में मीडिया मेें खबरें प्रकाशित की गई थी जिसके आधार पर कटंगी के तत्कालीन एसडीएम मेहताब सिंग ने इस गोदामों का निरीक्षण किया और अमानक चांवल पाये जाने पर सेंम्पलिंग करवाई थी उसके बाद से अबतक अनेकों बार इस चावल के स्टाक का सेंम्पल लिया गया और परीक्षण के लिये भेजा गया लेकिन इस खरीदी के लिये जिम्मेदार किसी राईस मिल मालिक, आपूर्ति निगम के कर्मचारियों, अधिकारियों तथा चावल के रखरखाव में लापरवाही बरतने वाले वेयर हाउस कारपोरेशन के अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्यवाही नही हुई।

क्योंकि इस चावल की खरीदी कमीशन की आड में की गई थी। जिसका हिस्सा उच्च अधिकारियों तक पंहुचाया गया था। तब कार्यवाही कौन करे। इस उधेडबुन में चावल का स्टाक अब उपयोग के काबिल ही नही रह गया है और इस तरह कब तक जांच के नाम पर मामले को लम्बित रख जायेगा। अमानक चावल खरीदकर सरकारी खजाने को लगभग 15 करोड रूपये का चूना लगाने वाले संलिप्त अधिकारियों के खिलाफ अपराधिक प्रकरण दर्ज करने की कार्यवाही की जानी चाहिये।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !