मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी बोलीं: AKHILESH YADAV ने अच्छा नहीं किया

Bhopal Samachar
नई दिल्ली। चुनाव प्रचार थमते ही मुलायम सिंह यादव की पत्नी साधना गुप्ता ने अखिलेश पर हमला बोला और कहा कि गलत समय में अखिलेश ने पार्टी ने तोड़ी। साधना ने कहा कि वो चाहती हैं कि उनका बेटा प्रतीक राजनीति में आए और अखिलेश यादव फिर से सीएम बनें। साधना ने ये बात एएनआई को दिए इंटरव्यू में कहीं। बता दें कि अखिलेश यादव मुलायम सिंह की पहली पत्नी मालती देवी की संतान हैं। साधना, मुलायम सिंह की दूसरी पत्नी हैं। 

उन्होंने कहा कि अब मैं राजनीति में नहीं आना चाहती, लेकिन हां मैं चाहूंगी कि मेरा बेटा प्रतीक यादव राजनीति में आए। इससे पहले साधना ने कहा कि जब वक्त था तो नेता जी ने राजनीति में नहीं आने दिया लेकिन मैं बैकग्राउंड में काम करती रहीं। 

वहीं, जब साधना से यादव परिवार में हुए झगड़े को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि परिवार में जो कुछ हुआ उससे उन्हें जरूर बुरा महसूस हुआ लेकिन वो किसी को ब्लेम नहीं करना चाहतीं। साधना ने आगे कहा कि कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या होता है, लेकिन किसी को भी नेता जी का अपमान नहीं करना चाहिए। उन्होंने ही पार्टी को खड़ा किया है। 

हालांकि साधना ने साथ ही ये भी कहा कि उन्हें नहीं पता कि किसने अखिलेश यादव को मिसगाइड किया लेकिन अखिलेश आज भी नेता जी और उनका बहुत सम्मान करते हैं। चुनाव को लेकर साधना ने कहा कि वो चाहती हैं कि समाजवादी पार्टी की जीत हो और अखिलेश यादव फिर से मुख्यमंत्री बनें। शिवपाल को लेकर साधना ने कहा कि उनका अपमान नहीं करना चाहिए, उन्होंने (शिवपाल ने) नेता जी और पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है। 

मुलायम सिंह और साधना गुप्ता की लवस्टोरी 
1967 में बतौर विधानसभा सदस्य राजनीतिक सफर शुरू करने वाले मुलायम सिंह 80 के दशक तक उत्तर प्रदेश के एक प्रभावशाली और ताकतवर नेता के रूप में अपनी पहचान बना चुके थे। कहा जाता है कि चौधरी चरण सिंह के बाद मुलायम ही प्रदेश के पिछड़ा वर्ग और यादवों के सबसे बड़े नेता साबित हुए। मुलायम जब राजनीति के शिखर पर थे उस वक्त उनकी जिंदगी में साधना गुप्ता का आगमन हुआ।

20 साल छोटी कार्यकर्ता पर दिल आ गया 
कहते हैं कि 1982 में जब मुलायम लोकदल के अध्यक्ष बने, उस वक्त साधना पार्टी में एक कार्यकर्ता की हैसियत से काम कर रही थीं। बेहद खूबसूरत और तीखे नैन-नक्श वाली साधना पर जब मुलायम की नजर पड़ी तो वे भी बस उन्हें देखते ही रह गए। पहली ही मुलाकात में नेताजी अपने से 20 साल छोटी साधना को अपना दिल दे बैठे।

पति को छोड़ मुलायम के प्यार में 
मुलायम पहले से ही शादीशुदा थे और साधना भी। साधना की शादी फर्रुखाबाद जिले के छोटे से व्‍यापारी चुंद्रप्रकाश गुप्‍ता से हुई थी लेकिन बाद में वह उनसे अलग हो गई। इसके बाद शुरू हुई मुलायम-साधना की अनोखी प्रेम कहानी। 80 के दशक में साधना और मुलायम की प्रेम कहानी की भनक अमर सिंह के अलावा और किसी को नहीं थी। इसी दौरान 1988 में साधना ने एक पुत्र प्रतीक गुप्ता (अब प्रतीक यादव) को जन्म दिया। कहते हैं कि साधना गुप्ता के साथ प्रेम संबंध की भनक मुलायम की पहली पत्नी और अखिलेश की मां मालती देवी को लग गई।

शादी के बाद अकूत संपत्ति की मालिक बनीं साधना 
90 के दशक (दिसंबर 1989) में जब मुलायम मुख्यमंत्री बने तो धीरे-धीरे बात फैलने लगी कि उनकी दो पत्नियां हैं, लेकिन वह इतने ताकतवर नेता थे कि किसी की मुंह खोलने की हिम्मत ही नहीं पड़ती थी। इसके बाद 90 के दशक के अंतिम दौर में अखिलेश को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता के बारे में पता चला। कहते हैं कि उस समय मुलायम साधना गुप्ता की हर बात मानते थे, इसीलिए मुलायम के शासन (1993-2007) में साधना गुप्ता ने अकूत संपत्ति बनाई। बता दें कि आय से अधिक संपत्ति का उनका केस आयकर विभाग के पास लंबित है।

मुलायम ने साधना को सामाजिक मान्यता नहीं दी
2003 में अखिलेश की मां मालती देवी की बीमारी से निधन हो गया और मुलायम का सारा ध्यान साधना गुप्ता पर आ गया। हालांकि, मुलायम अब भी इस रिश्ते को स्वीकार करने की स्थिति में नहीं थे। मुलायम और साधना के संबंध की जानकारी मुलायम परिवार के अलावा अमर सिंह को थी। मालती देवी के निधन के बाद साधना चाहने लगी कि मुलायम उन्हें अपना आधिकारिक पत्नी मान लें, लेकिन पारिवारिक दबाव, ख़ासकर अखिलेश यादव के चलते मुलायम इस रिश्ते को कोई नाम नहीं देना चहते थे।

अमर सिंह ने की मध्यस्थता 
इस बीच साधना 2006 में अमर सिंह से मिलने लगीं और उनसे आग्रह करने लगीं कि वह नेताजी को मनाए। लिहाजा, अमर सिंह नेताजी को साधना गुप्ता और प्रतीक गुप्ता को अपनाने के लिए मनाने लगे। 2007 में अमर सिंह ने सार्वजनिक मंच से मुलायम से साधना को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार करने का आग्रह किया और इस बार मुलायम उनकी बात मानने के लिए तैयार हो गए।

और फिर ऐलान कर दिया
लेकिन अखिलेश इसके लिए कतई तैयार नहीं थे। अखिलेश के विरोध को नजरअंदाज करते हुए मुलायम ने अपने खिलाफ चल रहे आय से अधिक संपत्ति से संबंधित मुकदमे में सुप्रीम कोर्ट में एक शपथपत्र दिया, जिसमें उन्होंने साधना गुप्ता को पत्नी और प्रतीक को बेटे के रूप में स्वीकार कर लिया। उसके बाद साधना गुप्ता, साधना यादव और प्रतीक गुप्ता प्रतीक यादव हो गए। अखिलेश ने साधना गुप्ता के अपने परिवार में एंट्री के लिए अमर सिंह को जिम्मेदार माना। तभी से अखिलेश अमर सिंह से चिढ़ने लगे। वह मानते हैं कि साधना गुप्ता और अमर सिंह के चलते उनके पिताजी उनकी मां के साथ न्याय नहीं किया।
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