अब रेप केस के डिसीजन कोर्ट की वेबसाइट पर नहीं डाले जाएंगे

बिलासपुर। अब कोर्ट की वेबसाइट में दुष्कर्म के मामलों में पारित होने वाले आदेश जारी नहीं होंगे। हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी है। साथ ही पीड़िता की पहचान उजागर नहीं करने की सभी कोर्ट को हिदायत दी है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हाईकोर्ट व जिला न्यायालयों को ई-कोर्ट से जोड़ा गया है। गूगल के माध्यम से ई-कोर्ट में जाकर किसी भी अदालत से पारित आदेश का अवलोकन किया जा सकता है।

इस व्यवस्था के तहत न्यायालय से दुष्कर्म के मामलों में पारित आदेश को भी जारी किया जा रहा था। इसमें पीड़िता का नाम नहीं होता है लेकिन रिपोर्ट लिखाने वाले का नाम, उसका गांव, घर व थाने का पता दर्ज रहता है। इसके कारण पीड़िता की पहचान हो रही थी। दुष्कर्म पीड़ितों की पहचान न हो इसके लिए सभी न्यायालय को इस प्रकरण में पारित होने वाले आदेश को ई-कोर्ट वेबसाइट में जारी नहीं करने का आदेश दिया है।

अन्य मामलों की मिलेगी जानकारी
दुष्कर्म के अलावा अन्य मामलों की जानकारी ई-कोर्ट से मिलेगी। इसमें प्रतिदिन के लंबित मामले, कितने प्रकरण में आदेश पारित हुआ, न्यायालयों की संख्या समेत अन्य सभी महत्वपूर्ण जानकारी रोज अपडेट किया जाता है। इसमें वरिष्ठ नागरिक, महिलाओं के प्रकरणों की संख्या, 10 वर्ष से अधिक पुराने लंबित मामलों की अलग से संख्या दर्ज की जा रही है।
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