यूपी में चुनाव से पहले हुए शिक्षकों के सभी तबादले निरस्त

इलाहाबाद। तबादले पर गए शिक्षकों को मूल जिले में वापस होने के आदेश जारी हो गए हैं। विधानसभा चुनाव घोषणा के ठीक पहले जिन शिक्षकों का तबादला हुआ उन्हें वापस उसी जिले में भेजा जाएगा, जहां से वह रिलीव हुए। इस संबंध में बेसिक शिक्षा परिषद सचिव ने बेसिक शिक्षा अधिकारियों को आदेश जारी कर दिया है।

प्रदेश में विधानसभा चुनाव की घोषणा के पहले अफसर व कर्मचारियों के खूब तबादले हुए हैं। इसमें जिले के अंदर से लेकर अंतर जिला तक शामिल हैं। बीते तीन जनवरी को शासन ने 65 परिषदीय शिक्षकों का एक से दूसरे जिले में तबादला किया। इसे चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया और परिषद के अफसरों से जवाब तलब किया। 

आयोग ने परिषद से पूछा कि सूबे में बूथ लेबिल अधिकारियों के रूप में कार्य कर रहे अध्यापकों के स्थानांतरण के बाद जिलेवार कितने पद रिक्त होंगे और रिक्त पदों पर अध्यापकों को कब तक नियुक्त किया जाएगा। इस पर परिषद सचिव संजय सिन्हा ने बीते 23 जनवरी को ही बेसिक शिक्षा अधिकारियों को पत्र भेजकर तबादला आदेश पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी जिलों से रिक्त पदों की रिपोर्ट भी मांग ली।

हालांकि यह प्रकरण इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ तक पहुंचा, कोर्ट ने शिक्षकों के तबादले पर रोक लगाने का आदेश जारी किया है। आयोग एवं परिषद की तेजी से 65 शिक्षकों का तबादला तो रुक गया, लेकिन शिक्षक जहां से रिलीव हुए थे वहां वापस नहीं लौटे।

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