यूपी के संविदा भाइयो, जैसा की बीजेपी के लेटर पेड पर आपको लिख कर दिया गया है कि अगर सत्ता में आये तो आपको रेगुलर करेंगे संविदा शब्द को हटाएंगे स्वास्थ्य विभाग के NRHM कर्मियों को रेगुलर करेगे। लेकिन भरोसा मत करना भाई। हम भी इनके झांसे में आकर पछता रहे हैं। बीजेपी की कथनी और करनी में अन्तर है। इन्होंने मप्र में शिक्षाकर्मियों को भी ऐसा ही आश्वासन दिया था। फिर पदनाम बदलकर अध्यापक कर दिया। सेवाशर्तें वही की वही रहीं।
मप्र में संविदा कर्मियों स्वास्थ्य विभाग की हालात बद से बदतर होती जा रही है। यहां 15 साल से बीजेपी की सरकार होते हुए भी संविदा कर्मियो को रेगुलर करने की बजाय हटाने के लिए रणनीति बना कर अप्रैजल लिया जा रहा है। जिसमे 10 से 12 साल से काम कर रहे का भी कर्मचारी का अप्रैजल होगा। 100 नम्बर का जिस्में से 65 नम्बर लाना जरूरी है। 64 भी आये तो आपको फेल कर दिया जायेगा और आप जॉब से हाथ धो बैठोगे।
पिछले साल भी बीजेपी ने मप्र में 2000 संविदा स्वास्थ्य कर्मियों को बिना गलती के हटा दिया था और इस बार खुल बोल रही है कि 5000 को हटायेगे और मार्च 2017 में फिर से होगा अप्रैजल इस तरह हर साल योग्यता साबित करना पड़ेगी।
इसलिए आपसे निवेदन है की बीजेपी के झांसे में ना आयें। ये बहुत ही चापलूसी सरकार है। इसके शासन काल में MP के कोई भी कर्मचारी खुश नही है। इसने कुछ भी नही करा है संविदा वालो के लिए। शिक्षा विभाग में 3 साल की संविदा के बाद शिक्षा विभाग के रेगुलर पदों पर समायोजन हो जाता है लेकिन स्वास्थ्य विभाग में 10 से 14 साल हो गए काम करते 2 लेकिन अभी तक कुछ नही हुआ है। ऐसी दोगली नीति बीजेपी के शासन काल में ही बनी है। इसलिए आपसे निवेदन है अपने फ्यूचर को ध्यान में रखकर निर्णय करें और बीजेपी को सबक सिखाए।
मप्र के सभी संविदा अप्रैजल प्रताड़ित कर्मचारी
S.Patidar.
मध्य प्रदेश