
बता दें कि सीधी सांसद ने अपने निर्वाचन के पूर्व के पद जिला पंचायत के अध्यक्ष के पद का दुरूपयोग करते हुए न केवल चुनाव मे सामिल हुई थी बल्की प्रचार के दौरान का जिला पंचायत से डीजल साहित भत्ता भी सांसद बनने के बाद प्राप्त कि थीं तो अध्यक्ष को मिले बंगले का लगातार प्रयोग कर रही है जबकि आधिकारिक तौर पर उन्हे आंवटित नही किया गया है इसकी शिकायत निर्वाचन आयोग सहित राष्ट्रपति से की गई थी जिसकी जांच कराई गई तो लगाये गये आरोप सही साबित हो गये जिसका प्रतिवेदन आयोग तक पहुंच गया है।
आयोग ने सभी तथ्यो का परीक्षण करने बाद शिकायत कर्ता को 10 फरवरी को पत्र भेजकर अवकत कराया है कि निर्वाचन सून्य करने के लिये राष्ट्रपति से दिशा निर्देश मांगा गया है जैसे ही महांमहिम का आदेश होगा सीधी संसदीय क्षेत्र के सांसद का पद रिक्त कर दिया जायेगा। आयोग का पत्र सीधी पहुंचते ही क्लीन चिट देने वालों की बोलती बंद हो गई तो शिकायत करने वालो के चेहरे खिल उठे है।