एक और चीनी सैनिक रह रहा है बालाघाट में, वो भी वापस जाना चाहता है

सुधीर ताम्रकार/बालाघाट। भारत चीन युद्ध के दौरान भारतीय सेना के हाथ लगे चीनी सैनिक वांग ची की सकुशल वापसी के बाद अब एक और चीनी सैनिक सामने आया है। वो भी यहां बिना भारत की नागरिकता लिए वर्षों से रह रहा है। सेना से उसे पकड़ा, कोर्ट ने सजा दी। सजा पूरी होने पर जेल से रिहा कर दिया गया लेकिन वो चीन वापस नहीं गया। पंजाब जेल से रिहा हुआ तो मप्र के बालाघाट में आकर बस गया। यहां शादी की, परिवार बढ़ाया। अब वो वापस चीन जाना चाहता है। 

तिरोडी में ही एक ओर चीनी सैनिक के निवास करने की जानकारी प्राप्त हुई है वह भी अपने वतन चीन लौटना चाहता है। इस सिलसिले में डीयू-सी-यूंग ने कल मंगलवार को परिवार सहित बालाघाट पहुचकर कलेक्टर से मुलाकात की चीन जाने की अपने मंशा जताई। उसने चर्चा में अवगत कराया की वांग ची की तरह वह भी चीन लौटना चाहता है। उसे यह भी पता नही है की इतने वर्ष बीत जाने की बाद चीन में उसका कोई अपना है भी नही लेकिन उसके मन में अपने देश और चीनी परिजनों के लिए भावनाएं उमड़ रहीं हैं। 

चीनी सैनिक ने अवगत कराया की सन 1961 में भारत चीन युद्ध के दौरान सिक्कीम सीमा पर भारतीय सेना द्वारा उसे पकड लिया गया था। जिसके बाद उसे अजमेर और नाभा जेल में रखा गया। इन जेलों में उसने 8 वर्ष की सजा काटी। बाद में पंजाब न्यायालय के आदेश पर उसे 1969 में जेल से रिहा कर दिया गया। तब से वह बालाघाट के तिरोडी में अपना जीवन गुजार रहा था। उसने तिरोडी में ही सेवनबाई गुरजर नामक महिला से 1972 में शादी रचाई और गृहस्थी बसा ली।

अबतक के जीवन के सफर में उसके चार बच्चे सुनील देवकुमार, संगीता और अनुराधा है वह मजदूरी कर अपना जीवन यापन कर रहा है। जिला पंचायत सीईओ एवं अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमति मंजूषा विक्रातराय ने अवगत कराया की चीनी सैनिक डीयू-सी-यूंग ने कल परिवार सहित मुलाकात की और चीन जाने की इच्छा व्यक्त की जिसके आधार पर जिला प्रशासन की ओर से आवश्यक प्रयास किये जायेगे ताकि वह चीन लौट सके।

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