मां चाहती थी बेटी कॉलगर्ल बने, प्रेमी ने बचाया और ब्याह रचाया

कमलेश सारड़ा/नीमच। ये कहानी है मंदसौर नीमच जिले में आकाश और भारती की। असल में दोनों ही बांछड़ा समुदाय के है। अब से कुछ 3 साल पहले मुलाकात हुई थी। आकाश एक NGO के लिए काम करता था, जो देह व्यापार करने वाली लडकियों को रेस्क्यू करता था। 3 साल पहले आकाश ऐसे ही एक रेस्क्यू मिशन पर था, जहा उसकी मुलाक़ात भारती से हुई। भारती और आकाश की दोस्ती हुई। भारती ने आकाश को बताया की उसकी माँ उस से भी जिस्मफरोशी का धंधा करवाना चाहती है, लेकिन वो पढाई करना चाहती है। 

उस समय भारती नाबालिग थी। आकाश ने भारती को जैसे तेसे करके नीमच के एक होस्टल में डलवा दिया। होस्टल में आने के बाद आकाश और भारती की मोबाइल पर बात होने लगी फिर कुछ ही दिनों में दोनों में प्यार हो गया। अब भारती, आकाश की जिम्मेदारी बन गई थी, इधर भारती की माँ को जब पता चला तो वह भारती को होस्टल से निकाल के फिर से उन डेरो में ले आई जहा दूसरी लडकिया जिस्मफरोशी का काम करती थी। भारती से उसकी माँ ने मोबाइल छीन  लिया, समाज की पंचायत बुलाकर भारती और आकाश को अलग कर दिया। 

इसके बाद कई महीनो तक दोनों मिल नहीं पाए, ना कोई बातचीत दोनों के बीच हुई। एक दिन आकाश एक NGO और पुलिस के साथ इन जिस्मफरोशी के अड्डे जिन्हें डेरे कहा जाता है, वहां भारती की माँ को पुलिस ने पांच लडकियों से जिस्मफरोशी का धंधा करवाते हुए पकड़ लिया। यहाँ आकाश को भारती फिर से मिल गई, आकाश ने NGO की मदद से भारती को फिर से नीमच के एक आश्रम में रखवा दिया और उसकी पदाई शुरू करवा दी। चूंकि भारती नाबालिग थी, और जिस्मफरोशी के धंधे में नहीं जाना चाहती थी। भारती का स्कूल में एडमिशन काफी देर से हुआ था, आकाश ने उसे 9TH क्लास में भर्ती करवा दिया। 

आकाश इस देह व्यापर के खिलाफ एक बड़ी लड़ाई लड़ना चाहता था, जिसके लिए उसने वकालत की ठान राखी थी और वह LLB कर रहा था। फिर आकाश की पुलिस और NGO ने अच्छी मदद की थी, नीमच पुलिस ने आकाश की मदद करते हुए इतना तो कर दिया था की भारती आकाश के किसी परिजन के पास रह सकती है, वह नाबालिग है इसलिए आकाश के साथ नहीं रहेगी। 21 जनवरी 2017 को भारती बालिग़ हो चुकी है वेलेंटाइन डे पर आकाश और भारती ने कोर्ट से शादी कर ली। 

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