
बता दें कि ये फिल्म 13 जनवरी को रिलीज़ होने वाली थी लेकिन ओम पुरी के निधन के चलते फिल्म को फरवरी तक के लिए टाल दिया गया। बताया जाता है कि सेंसर ने दो बार का रिव्यू करने के बाद ये तय किया कि फिल्म को सर्टिफिकेट नहीं दिया जा सकता।
जिसके बाद निर्माता खालिद किदवई ने फिल्म सर्टिफिकेशन अपीलेट ट्रिब्यूनल में जाने का फैसला किया है। सेंसर के मुताबिक रेप पर बेस्ड इस फिल्म में अभद्र भाषा का इस्तेमाल भी किया गया है। जबकि निर्माता का दावा है कि फिल्म में राजनीति की वास्तविकता को दिखाया गया है।फिल्म रामभजन ज़िंदाबाद में ओम पुरी एक कम्पाउंडर के किरदार में हैं। फिल्म में कुलभूषण खरबंदा का भी अहम् रोल हैं।