
उन्होंने कहा कि यह बात सोचने वाली है कि परतंत्रता और बड़ी त्रासदी का सामना कर चुके देश आज कहां हैं और हम कहां हैं। चीन और जापान इसका उदाहरण हैं। अंग्रेजों ने भारत पर 200 साल शासन किया, लेकिन इसे ही हमारे पिछड़े होने का दोष देना ठीक नहीं है।
अब राह इतनी आसान नहीं
डॉ. जोशी ने चुटकी लेते हुए कहा कि वैसे भी ट्रंप महोदय ने कठिनाई पैदा कर दी है। इसलिए अब राह इतनी आसान नहीं रही। उन्होंने छात्रों से कहा कि वे भारत की वर्तमान स्थिति की मीमांसा करें। आज विश्व कहां जा रहा देखें उसके हिसाब से आगे बढ़ें।
चिंता भी जताई
उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वे यह कह सकते हैं कि भारत में आतंक, असुरक्षा, महिला असुरक्षा, रोग, कुपोषण , पर्यावरण क्षरण और असंतोष पहले से अधिक बढ़ गया है। हमें देखना होगा कि हम लोग क्या कर रहे हैं, विश्व को कैसा देश दे रहे हैं। यह स्थिति देश के लिए ठीक नहीं है। ऐसी धरती बनाएं कि देवता भी यहां रहना चाहें।