भोपाल। सितंबर 2008 में हुए मालेगांव विस्फोट मामले की शुरुआती जांच करने वाली महाराष्ट्र एटीएस की टीम ने अपने दावे के समर्थन में बंबई उच्च न्यायालय में किसी भी तरह का वीडियो या ऑडियो साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किया।
एटीएस का दावा था कि मुख्य आरोपी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर भोपाल में हुई उस बैठक में मौजूद थी जहां विस्फोट की साजिश रची गई थी। न्यायाधीश आर वी मोरे और न्यायाधीश शालिनी जोशी की खंडपीठ ने पिछले महीने निचली अदालत को एटीएएस द्वारा पूरक आरोपपत्र के साथ सौंपी गई ऑडियो सीडी और डीवीडी की तीन पैकेटें जारी करने को कहा था।
अदालत ने मंगलवार को ऑडियो सीडी को अपने चैम्बर में सुना। अदालत ने बाद में कहा कि किसी सीडी का साध्वी की मौजूदा जमानत अर्जी से कोई संबद्धता नहीं है।