
पहला धमाका उस समय हुआ, जब जस्सी चुनावी सभा से अपनी फॉर्च्युनर कार में बैठकर जाने लगे। ये कार जस्सी की गाड़ी के पास ही खड़ी थी। उसके बाद दो और धमाके हुए। जस्सी का ड्राइवर गाड़ी भगाकर आगे गया तो कार पर फायरिंग भी हुई। 3 गोलियां जस्सी की गाड़ी की पिछली विंडो में लगीं। जस्सी ने कार से उतरकर भागकर जान बचाई। धमाका इतना जोरदार था कि 12 फीट ऊपर 11 केवी की बिजली लाइन टूट गई और एक किलोमीटर तक घरों के शीशे और दरवाजे तक हिल गए।
1991 के बाद पहली घटना
ये जनसभा डेरा सच्चा सौदा के प्रेमी हेमराज की आरके इंटरप्राइजज शॉप के बाहर हो रही थी। घायलों की शिनाख्त जसकरण सिंह, अमरीक सिंह निवासी मौड़ कलां, रॉकी कुमार, लवली दोनों भाई, रिंपल, जप्पी, अंकुश, सोरभ सिंगला, प्रिंसिपल दर्शन सिंह निवासी मौड़ मंडी के नाम से हुई। डीजीपी सुरेश अरोड़ा ने कहा कि आतंकी हमले से इनकार नहीं किया जा सकता। बुधवार को फॉरेंसिक जांच के बाद ही सामने आ सकेगा कि ब्लास्ट कैसे किया गया?
1991 के बाद विधानसभा चुनाव के दौरान चुनावी सभा में हमले की ये पहली घटना है। उस समय आतंकवाद के दौर के बाद जितने भी चुनाव हुए, इस तरह के हमले नहीं हुए।
1 मारुति कार में लगा था स्कूटर का नंबर...
वारदात में इस्तेमाल मारुति कार पर पीबी05सी-8973 नंबर प्लेट लगी थी। जांच में पाया गया कि ये नंबर फिरोजपुर जिला के जीरा कस्बे के मेन बाजार में रहने वाले खैराती लाल के 1995 मॉडल स्कूटर का था। इसकी आरसी भी 25 जुलाई 2010 को एक्सपायर हो चुकी है। जीरा में जब खैराती लाल की जांच की गई तो पाया कि बाजार में खैराती लाल नाम के 6 लोग रहते हैं।
2 डेटोनेटर के लिए यूज की बाइक की बैटर
घटनास्थल पर मिले कुकर में बैरिंग, नट-बोल्ट और नुकीली चीजें मिली हैं। जिन्हें छर्रों के तौर पर इस्तेमाल किया गया। कार के पास एक बाइक की बैटरी भी मिली, जिसे डैटोनेटर के तौर पर इस्तेमाल किया गया। कहा जा रहा है कि एमुनीशन मारुति कार में था और कुकर को रिमोर्ट कंट्रोल के तौर पर इस्तेमाल किया गया होगा।
3 ब्लास्ट के बाद हुई फायरिंग, फिर फरार
खुशकिस्मती से जस्सी ब्लास्ट की चपेट में नहीं आए। ड्राइवर ने जब उनकी गाड़ी भगाई तो पीछे से फायरिंग शुरू हो गई। गाड़ी बुलेट प्रूफ थी, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ। फायरिंग करने वालों ने जब देखा कि अब वे अपने इरादों में कामयाब नहीं हो सकते तो भीड़ के बीच से भाग निकले। मौके पर मौजूद लोगों ने बताया कि उन्होंने फायरिंंग की आवाज तो सुनी पर गोली चलाने वालों को नहीं देखा।
केंद्र ने किया था अलर्ट
केंद्र सरकार ने जनवरी के पहले हफ्ते में ही पंजाब सरकार को विधानसभा चुनाव के दौरान आतंकी हमले की संभावना को देखते हुए अलर्ट किया था। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पंजाब-मणिपुर सरकारों को कहा था कि देश विरोधी ताकतें चुनाव के दौरान मौके का फायदा उठाने की कोशिश कर सकते हैं। पाकिस्तानी आतंकी मणिपुर पंजाब में किसी आतंकी कार्रवाई को अंजाम दे सकते हैं। इसके बावजूद पंजाब सरकार ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिसका खामियाजा चार बेगुनाहों को जान से चुकानी पड़ी।