दूल्हा जेल अधीक्षक है और दुल्हन जेल की सुपरिटेंडेंट। दोनों की शादी मात्र 210 रुपए में निपट गई। नहीं नहीं, ना व्यापारियों को धमकाकर मैरिज हाउस बुक कराया गया और ना ही किसी अपराधी ने विवाह का पूरा खर्चा उठाया है। दरअसल, ऐसा कोई समारोह हुआ ही नहीं। दोनोंं बड़ी ही शांति के साथ आए। रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए। मौजूद 21 लोगों को चाय पार्टी दी और चले गए।
बिहार में गोपालगंज जेल के अधीक्षक संदीप कुमार और शेखपुरा जेल की सुपरिटेंडेंट ज्ञानीता हमेशा के लिए प्यार की बेड़ियों में कैद हुए, लेकिन बेहद सादगी भरे अंदाज में। शनिवार को ये जोड़ा मैरिज रजिस्ट्रार के दफ्तर पहुंचा और एक दूसरे को वरमाला पहनाकर ब्याह रचा लिया। इस मौके पर दोनों के घरवालों के अलावा चुनिंदा मेहमान ही मौजूद थे। कुल 21 लोगों को चाय पिलाकर ही ये शादी पूरी हो गई। एक चाय यदि 10 रुपए की मान ली जाए तब भी 210 रुपए में पूरा ब्याह निपट गया।
पूरा हुआ बचपन का सपना
संदीप और ज्ञानीता ने बिहार प्रशासनिक सेवा का इम्तिहान पास करने के बाद साथ ही ट्रेनिंग हासिल की थी. इसी दौरान दोनों का प्यार परवान चढ़ा और आखिर बात शादी तक पहुंच गई. संदीप के मुताबिक वो हमेशा सीधी-सादी शादी चाहते थे. ज्ञानीता भी बचपन से ऐसी शादी चाहती थीं जिसमें दहेज का नाम भी ना लिया जाए. आखिरकार इस जोड़े का ये ख्वाब पूरा हुआ है.
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