'मन की बात' की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 26 जनवरी उमंग और उत्साह के साथ हमने सबको मनाया। नागरिकों के कर्तव्य और अधिकार पर बहस होनी चाहिए। सोमवार को 30 जनवरी है, इस दिन देश के लिए शहीदों के लिए 2 मिनट की श्रद्धांजलि दें। सेना के प्रति आदर का भाव होना चाहिए। प्रधामंत्री ने युवाओं से सेना के वीरों के बारे में जानने और लोगों को बताने की अपील की। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कश्मीर में हिमस्खलन में शहीद हुए जवानों को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी।
स्माइल मोर, स्कोर मोर
प्रधानमंत्री ने बोर्ड परीक्षाओं को लेकर बच्चों की तैयारी से जुड़े मसले पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि छात्र और माता-पिता भी परीक्षा को लेकर परेशान रहते हैं। हमें परीक्षाओं के दौरान उत्सवपूर्ण माहौल बनाना चाहिए, इससे बोझपूर्ण माहौल नहीं बनता। हर साल तीन-चार महीनों को उत्सवपू्र्ण माहौल बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 'स्माइल मोर, स्कोर मोर'। पीएम ने कहा कि परिवार भी बच्चों का साथ दें। उन्हें रिलैक्स रखें, इससे मेमोरी वापस आती है।
हैप्पी माइंड इज ए सीक्रेट ऑफ ए गुड मार्कशीट
प्रधानमंत्री ने कहा कि परीक्षा आपके जीवन की कसौटी नहीं है। परीक्षा का जीवन की सफलता-असफलता से कोई लेना देना नहीं है। टेंशन न होने से ज्ञान नीचे चला जाता है। आप निराश न हो - ए हैप्पी माइंड इज ए सीक्रेट ऑफ ए गुड मार्कशीट। प्रधानमंत्री ने कहा कि मार्क्स और मार्कशीट का जीवन में बहुत सीमित उपयोग है। जीवन में आत्मविश्वास, संकल्पशक्ति, स्किल और नॉलेज काम आता है।
दोस्तों में बेहतर करने की कोशिश कीजिए
प्रधानमंत्री ने कहा कि कभी-कभी यह भी होता है कि अंक के पीछे पड़ गए तो आप शॉर्ट कट ढूंढ़ने लगते हैं। पीएम ने कहा कि प्रतिस्पर्धा एक मनोवैज्ञानिक लड़ाई है। जीवन को आगे बढ़ाने के लिए अनुस्पर्धा काम आती है। इसका मतलब है कि स्वयं से स्पर्धा। ज्यादातर सफल खिलाड़ियों की विशेषताओं है कि वे अपने ही रिकॉर्ड्स को सुधारते हैं। जीवन के हर क्षेत्र में दोस्तों में बेहतर करने की कोशिश कीजिए। खुद से प्रतिस्पर्धा ही आत्मविश्वास पैदा करती है।
अपेक्षाएं राह कठिन कर देती हैं
प्रधानमंत्री ने छात्रों के परिजनों से अपील करते हुए कहा कि तीन बातों पर ध्यान दें - सीखाना, स्वीकारना और समय देना। उन्होंने कहा कि अपेक्षाएं राह कठिन कर देती हैं। स्वीकारने से राह खुलती है। घर में हल्का फुल्का माहौल रखें। परीक्षा के दिनों में बच्चों को ना डराएं। प्रधानमंत्री ने बच्चों को नकल न करने की सलाह दी और कहा कि नकल आपको बुरा बनाती है। आपको पीछे की ओर ले जाती है।
परीक्षा के लिए जरूरी है नींद, आराम और शारीरिक व्यायाम
प्रधानमंत्री ने कहा कि सर्वांगीण विकास के लिए किताबों से बाहर भी मौके हैं। मेरी दृष्टि में परीक्षा के लिए तीन चीजें बहुत जरूरी हैं। नींद, आराम और शारीरिक व्यायाम। खुले में गहरी सांस लेने से भी ध्यान लगाकर पढ़ाने में मदद मिलती है। शरीर को जितनी आवश्यकता है उतनी नींद लीजिए। प्रधानमंत्री ने स्वयं का उदाहरण देते हुए कहा कि पूरी नींद लेने से मेरा गला नहीं बैठता। ये बात मुझे एक गायक महोदय बताई।
अच्छा लगे तो ध्यान दें, नहीं तो रहने दें
प्रधानमंत्री ने कहा कि आपको अच्छा लगे, तो मेरी सलाह पर ध्यान दें। न लगे ध्यान मत दीजिए वरना यह भी तनाव का कारण बन जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री ने 1 फरवरी को तटरक्षक बल की स्थापना के 40 साल पूरा होने पर जवानों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि तटरक्षक बल में पुरुषों के साथ महिलाएं भी कंधे से कंधा मिलाकर देश की तटीय सुरक्षा में योगदान दे रही हैं।