OMG! उज्जैन में साफ्टवेयर से छापे जा रहे हैं 2000 के नकली नोट

इंदौर। कथित हाईसिक्योर्ड 2000 के नकली नोटों का कारोबार तो कुटीर उद्योग जैसा हो गया है। हर गली कूचे में पकड़ा जा रहा है। उज्जैन में तो सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अब तक नकली नोट इस बिना पर धर लिए जाते थे कि वो स्केनर से बनाए जाते थे और सभी नोटों के नंबर एक समान होते थे परंतु उज्जैन में साफ्टवेयर की मदद से नोटों के नंबर तक बदल दिए गए। 

पुलिस अधीक्षक मनोहर वर्मा ने मंगलवार को संवाददाताओं को बताया, "पीपलीनाका क्षेत्र के पेट्रोल पंप पर दो हजार रुपये का नकली नोट चलाते हुए दो युवकों को पकड़ा था। उनसे की गई पूछताछ के आधार पर महाकाल थाना क्षेत्र के एक मकान में दी गई दबिश में दो अन्य को गिरफ्तार किया और इस घर से आठ लाख के नकली नोट बरामद किए। यह सभी नोट दो-दो हजार के थे।

वर्मा के मुताबिक, पुलिस ने कम्प्यूटर, स्कैनर, प्रिंटर, नोट छापने के कागज सहित अन्य सामग्री बरामद की है। पुलिस ने जो नोट बरामद किए हैं, वे सभी अलग-अलग नंबर के हैं। एसपी ने बताया कि इन आरोपियों के पास ऐसा सॉफ्टवेयर भी मिला है, जिससे वे नोट का नंबर बदल लिया करते थे। पुलिस अब आरोपियों से पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी कितने समय से नकली नोट के कारोबार से जुड़े हुए थे और अब तक कितने नकली नोट बाजार में खपा चुके हैं।

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