मुस्लिम लड़कियों को, लड़कों के साथ ही तैरना होगा: HRC

स्विट्जरलैंड में मुस्लिम माता-पिता अपनी बेटियों को स्कूलों में लड़कों के साथ तैराकी सीखने से मना नहीं कर सकेंगे। यह फैसला यूरोप के सबसे बड़े मानवाधिकार कोर्ट ने मंगलवार को सुनाया। कोर्ट ने तुर्क-स्विस दंपती की याचिका पर यह फैसला सुनाया है। उन्होंने स्कूल में उनकी बेटियों को लड़कों के साथ तैरना सिखाने को अनिवार्य किए जाने को चुनौती दी थी। उनकी दलील थी कि यह उनकी धार्मिक आस्था का उल्लंघन है। 

यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट ने माना कि अधिकारियों द्वारा छूट दिया जाना धार्मिक आजादी में दखल है लेकिन साथ ही उसने यह भी कहा कि यह दखल बच्चों को सामाजिक बहिष्कार से बचाने के लिए न्यायोचित है। अधिकारियों का कहना था कि लड़कियों को यह नियम मानना ही होगा। 

2010 के इस मामले में तब माता-पिता पर नियमों का उल्लंघन और अपने कर्तव्यों को पूरा ना करने के कारण 1300 यूरो (करीब 94,000 रुपए) का जुर्माना लगाया गया था। माता-पिता का कहना था कि यह व्यवहार यूरोपीय मानवाधिकार कन्वेंशन के आर्टिकल 9 का उल्लंघन है। इसके तहत नागरिकों को विचार, धर्म और अंतःकरण की स्वतंत्रता का अधिकार देता है।

#buttons=(Accept !) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Accept !