ट्रेन में बैग चोरी हुआ, रिपोर्ट दर्ज नहीं की, युवती का मजाक उड़ाया: फोरम ने ठोका जुर्माना

दुर्ग। चलती ट्रेन में हुई बैग चोरी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर पीड़िता का मजाक उड़ाना रेलवे प्रबंधन को भारी पड़ गया। मामले में फोरम ने संभागीय रेलवे प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे को परिवादिनी को 3.3 लाख रुपए भुगतान करने कहा है। 

सेक्टर-7 भिलाई निवासी कुमारी नीता चौरसिया ने संभागीय रेलवे प्रबंधक दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रायपुर के खिलाफ जिला उपभोक्ता फोरम दुर्ग में परिवाद पेश किया था। सुनवाई करते हुए फोरम अध्यक्ष मैत्रेयी माथुर एवं सदस्य राजेन्द्र पाध्ये ने रेलवे प्रबंधन के खिलाफ आदेश में परिवादी को क्षतिपूर्ति राशि 93 हजार रुपए ब्याज सहित, मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में दो लाख रुपए तथा वाद व्यय के रूप में 10 हजार रुपए देने कहा है।

यह बिहार है सामान पकड़कर बैठना चाहिए
परिवादी ने दुर्ग दानापुर साउथ विहार एक्सप्रेस में दुर्ग से क्यूल के लिए 5 अक्टूबर 2015 को ट्रेन नंबर 13287 के कोच नंबर एस-7 बर्थ नंबर 16 पर बैग लेकर रवाना हुई थी। आसनसोल पहुंचने के दौरान जब ट्रेन वहां से छूटी तो उसे अपना बैग गायब मिला। उसने क्यूल जीआरपी से शिकायत की तो थाने में बैठे स्टाफ ने परिवादी का मजाक उड़ाया कि यह बिहार है अपना सामान पकड़ कर बैठना चाहिए औररिपोर्ट दर्ज करने से इंकार करने पर वह आसनसोल पहुंची यहां भी कर्मचारियों ने उसका मजाक उड़ाया। परिवादी ने अंगूठी बेचकर पैसे जुटाए और घटना की शिकायत रेलवे के अफसरों से करने पहुंची, लेकिन उन्होंने भी गंभीरता से नहीं लिया और चोरी के संबंध में सबूत मांगे। लौटने के बाद परिवादी 15 अक्टूबर 2015 को दुर्ग में घटना की रिपोर्ट लिखवाई।

यात्रा के लिए आरक्षण
रेलवे ने भी फोरम के समक्ष अपना पक्ष रखते हुए बताया कि परिवादिनी ने केवल यात्रा के लिए अपना आरक्षण कराया था। नियमानुसार सामान या लगेज की बुकिंग नहीं कराई गई थी। परिवादिनी ने अपने साथ बैग में रखी तथाकथित सोने की चैन, बैग में रखे सामान, सैमसंग मोबाइल फोन, निकोन कैमरा को भी बुकिंग नहीं कराया था। क्षतिपूर्ति के लिए रेलवे जवाबदार नहीं है।
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