
इसके तहत सभी डिग्री और सर्टिफिकेट पर इस नंबर को दर्ज भी किया जाएगा। साथ ही छात्र की फोटो भी प्रिंट की जाएगी। फिलहाल इसे लेकर सभी राजी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह व्यवस्था जल्द ही यानि इसी साल से लागू की जा सकती है।
मानव संसाधन मंत्रालय से जुड़े एक अधिकारी की मानें तो मंत्रालय इस मुद्दे काफी गंभीर है। साथ ही इसे लेकर वह यूजीसी सहित देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के साथ कई दौर की चर्चा भी कर चुका है।
वहीं इस मामले में राज्यों से भी फीडबैक मांगा गया है। मंत्रालय की मानना है कि फर्जी डिग्री और सर्टिफिकेटों से विश्वविद्यालयों और देश के शैक्षणिक संस्थानों की प्रतिष्ठा को भी झटका लगा है। ऐसे में इसकी रोकथाम जरूरी है।