अंबानी मामले में टांग अड़ाने के कारण हटाई गईं थीं यशोधरा राजे

भोपाल। पिछली बार हुए मंत्री मंडल विस्तार में मप्र की उद्योग मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से उनका मंत्रालय छीन लिया गया था जबकि उन्होंने अपने कार्यकाल में ना तो कोई बड़ी गलती की और ना ही कोई विवाद उनके साथ जुड़ा। सबकुछ ठीक चल रहा था फिर भी उनसे उद्योग मंत्रालय छीन लिया गया। इसके कारण यशोधरा राजे सिंधिया आज भी सीएम शिवराज सिंह से नाराज हैं। यशोधरा राजे इस कदर नाराज हैं कि 26 जनवरी 2017 गणतंत्र दिवस के अवसर पर उन्होंने बेटे के विवाह की तैयारियों का बहाना बनाकर ध्वजारोहरण तक नहीं किया। जो कि मंत्रियों के लिए गर्व का विषय होता है और मंत्रियों का अधिकार भी। 

अब तक कहा जाता था कि प्रमुख सचिव सुलेमान से विवाद के कारण यशोधरा राजे सिंधिया को हटा दिया गया, लेकिन अब इसमें एक कारण और जुड़ गया है। पत्रकार हरीश दिवेकर की ताजा पड़ताल के दौरान पता चला है कि यशोधरा राजे सिंधिया ने अंबानी की कंपनी को फायदा पहुंचाने वाले प्रस्ताव को अटका दिया था। इसलिए उन्हे दण्डित किया गया। 

मप्र के सिंगरौली जिले में अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप (एडीएजी) का रिलायंस सासन पॉवर लिमिटेड के 660 मेगावाट वाले 6 प्लांट चल रहे हैं। ये सभी 2013 में शुरू हो गए थे लेकिन इन प्लांट्स को इंडस्ट्री प्रमोशन स्कीम 2014 के तहत 1300 करोड़ का फायदा पहुंचाने की तैयारी की जा रही है। यशोधरा राजे सिंधिया ने इस प्रपोजल पर आपत्ति जताई थी। उनका कहना था कि इंडस्ट्री प्रमोशन स्कीम 2014 के तहत उन्हीं उद्योगों को मदद की जा सकती है जो 1 नवम्बर 2014 के बाद शुरू हुए हों। बस यही नियम परस्ती और ईमानदारी यशोधरा राजे सिंधिया के लिए हानिकारक साबित हुई। याद दिलाते चलें कि सीएम शिवराज सिंह चौहान एवं अनिल अंबानी के बीच काफी घनिष्ठ मैत्रीपूर्ण संबंध हैं। 

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