बेंगलुरु: स्कूटर रुका, लड़की को चूमा, खींचा, पटका और चले गए

बेंगलुरु। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में नए साल की शाम और रात कई महिलाओं के संग यौन उत्पीड़न मामले से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है। वीडियो में दो स्कूटर सवार सुनसान सड़क पर जा रही एक लड़की के संग जबरदस्ती कर रहे हैं। वीडियो में दिख रहा है कि सुनसान सड़क पर जा रही लड़की को एक स्कूटर सवार जबरदस्ती पकड़ लेता है। थोड़ी देर तक लड़की को जबरदस्ती पकड़े रहने के बाद उसे घसीटकर अपने साथी के पास ले जाने लगा। 

स्कूटर पर सवार दूसरा हमलावर भी लड़की को पकड़ते हुए देखा जा सकता है। वीडियो में दिख रहा है कि स्कूटर सवार लड़की को जबरदस्ती लड़की के कपड़े उतारने की कोशिश कर रहे हैं। लड़की के विरोध के बाद वो उसे सड़क पर धकेल कर भाग गए।  टाइम्स ऑफ इंडिया ने दावा किया है कि बेंगलुरु स्थित किसी व्यक्ति ने उन्हें 31 दिसंबर-एक जनवरी की रात का सीसीटीवी फूटेज भेजा है।

टीआईओ के अनुसार ये वीडियो फूटेज रविवार रात ढाई बजे का है। जिस सीसीटीवी में ये घटना कैद हुई है वो पूर्वी बेंगलुरु के कम्मनहल्ली 5 मेन रोड पर स्थित एक घर में लगा है। रिपोर्ट के अनुसार महिला का घर घटनास्थल से महज 50 मीटर दूर स्थित है। अखबार के अनुसार सीसीटीवी फूटेज भेजने वाले ने अपनी पहचान न जाहिर करने के लिए कहा है।

बेंगुलुरु पुलिस ने मंगलवार (तीन जनवरी) को बेंगलुरु के एमजी रोड और ब्रिगेड रोड पर नए साल की शाम और रात को कई महिलाओं के संग हुए यौन उत्पीड़न, छेड़छाड़ और छिनैती की एफआईआर दर्ज कर ली है।  बेंगलुरु के पुलिस कमिश्नर प्रवीण सूद ने मंगलवार रात ट्विटर पर एक के बाद एक कई ट्वीट करके पुलिस द्वारा इस मामले में उठाए गए कदमों की जानकारी दी। सूद ने ट्वीट करके कहा, “जैसा कि हमने वादा किया था हमें जबरदस्ती पकड़ने, यौन उत्पीड़न और छिनैती करने के पुख्ता सबूत मिले हैं।” सूद ने बताया कि एमजी रोड पर लगे 45 सीसीटीवी कैमरों की अनएडिटेड फूटेज पुलिस के पास है और उसकी जांच की जा रही है।

महिलाओं के संग उत्पीड़न की खबरों पर पहले बेंगलुरु पुलिस ने कहा था कि उसे इस बाबत कोई शिकायत नहीं मिली है। वहीं राज्य के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि नए साल पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। राज्य सरकार और पुलिस की उनके रवैये के लिए सोशल मीडिया और मीडिया में काफी आलोचना हुई।

सीसीटीवी फूटेज भेजने वाले टीओआई से कहा कि वो सड़कों पर जो हुआ उसे देखकर खामोश नहीं रह सकता। सीसीटीवी फूटेज भेजने वाले ने बताया कि जिस लड़की का उत्पीड़न हुआ वो सोमवार (दो जनवरी) को फूटेज मांगने के लिए उनके घर आयी तब उन्हें घटना के बारे में पता चला। महिला ने अखबार को बताया कि वो उस पर हमला और उत्पीड़न करने वाले दोनों व्यक्तियों को नहीं जानती। महिला ने बताया कि घटना के बाद उसका पर्स भी लापता है जिसे शायद उन दोनों हमलावरों ने ले लिया।

महिला ने सीसीटीवी भेजने वाले से कहा कि वो पुलिस के पास नहीं गई क्योंकि खुद सरकार कह रही है कि नए साल पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं। महिला ने सवाल किया कि क्या लड़की होने के कारण वो नया साल नहीं मना सकती? और सरकार उन्हें नसीहत देने के बजाय अपना काम नहीं कर सकती।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार 31 दिसंबर की रात को एमजी रोड इलाके में कई महिलाओं पर यौन हमला किया गया।  उन्हें जबरदस्ती पकड़ा गया और उन पर अश्लील टिप्पणियां की गईं। नए साल पर होने वाले भीड़ पर नियंत्रण के लिए बेंगलुरु पुलिस ने इलाके में करीब 1500 पुलिस के जवान तैनात कर रखे थे लेकिन वो घटना के मूकदर्शक बने रहे। घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के गृहमंत्री की जी परमेश्वर ने कहा था कि ”नए साल के पहले दिन ऐसे वाकये होते रहते हैं। हमने सावधानी बरत रहे हैं।” परमेश्वर के इस बयान पर सोशल मीडिया पर लोगों को गुस्सा फूट पड़ा था। वहीं सपा नेता अबु आजमी के बयान पर भी काफी विवाद हुआ जिसमें उन्होंने घटना के लिए महिलाओं के पश्चिमी परिधान को दोषी बताते हुए कहा कि जहां शक्कर गिरेगी वहां चींटियां जरूर आएंगी। समाजवादी पार्टी के नेता आजमी के बयान को आपत्तिजनक मानते हुए राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भेजा है।
वीडियो देखने के लिए यहां क्लिक करें

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