
जेटली ने अपने फेसबुक पेज पर 'नोटबंदी-एक नजर बीते 2 महीनों पर' शीर्षक वाली पोस्ट में लिखा है, "तथ्य यह है कि बड़ी मात्रा में उच्च मूल्य वाले नोटों का बैंकों में जमा किए जाने का अर्थ यह नहीं है कि यह सभी वैध हैं। उन्होंने कहा, "कालेधन का रंग इसलिए नहीं बदल जाएगा क्योंकि यह बैंक में जमा हो गया है। इसके विपरीत अब यह अपनी 'गुमनामी' को खो देगा और अब इसकी पहचान इनके मालिक से होगी।" वित्त मंत्री ने कहा कि राजस्व विभाग को इस राशि पर कर निर्धारित करने का अधिकार है।
कानून के हिसाब से मिलेगी सजा
उन्होंने कहा, "किसी भी मामले में आयकर अधिनियम में संशोधन यह अनुमति देता है बताई गई राशि चाहे स्वेच्छा से घोषित हो या अस्वेच्छा से, वह कराधान और जरूरत के हिसाब से दंड के अधीन होगी।