NEW DELHI | अंतरराष्ट्रीय संस्था ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में दावा किया गया है 500 रुपये और 1000 रुपये के बंद किए गए 97 प्रतिशत नोट बैंकों में वापस आ चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ नवंबर को नोटबंदी की घोषणा की थी। ब्लूमबर्ग ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि नोटबंदी के बाद बैंकों में 30 दिसंबर तक 14.97 लाख करोड़ रुपये वापस आ गये थे। अब सवाल यह है कि कालाधन जो लोगों के बिस्तरों में छुपा हुआ था, कहां गया। क्या मोदी की प्लानिंग फेल हो गई।
100 से ज्यादा लोगों की मौत
सरकार ने बंद किए जा चुके नोटों को बैंक में जमा करने के लिए 30 दिसंबर तक की समय सीमा तय की थी। नोटबंदी के समय देश में प्रचलित कुल नोटों में करीब 86 प्रतिशत 500 और 1000 के नोटों के रूप में थे इसलिए इस फैसले के बाद आम जनता को नकदी की भारी किल्लत का सामना कर पड़ा। आठ नवंबर के बाद से नोटबंदी से जुड़ी 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी।
निवेश आधा रह गया
नोटबंदी के कारण भारत में निवेश प्रस्तावों में बड़ी कमी आयी है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआईई) के अनुसार पिछले साल की आखिरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) में एक लाख 25 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए जबकि मोदी सरकार के इससे पहले की नौ तिमाहियों में हर तिमाही में औसतन दो लाख 36 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव आए थे। एक अक्टूबर से नोटबंदी के पहले तक कुल 39 दिनों में हर रोज 2097 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा हुई थी। सीएमआईई के अनुसार नोटबंदी से पहले की तुलना में “ये औसत 61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 824 करोड़ रुपये प्रति दिन रहा गया।
फोर्ब्स ने भी नोटबंदी को अनैतिक बताया
नरेंद्र मोदी सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नोटबंदी को लेकर आलोचना भी हुई। सभी प्रमुख विपक्षी दलों ने मोदी सरकार के इस फैसले की आलोचना की। कांग्रेस ने मोदी सरकार से नोटबंदी पर एक संसदीय कमेटी बनाने और श्वेतपत्र लाने की मांग की है। भारतीय जनता पार्टी की साझीदार शिव सेना ने भी सरकार के फैसले की आलोचना करते हुए इसे ब्रिटिश शासन की याद दिलाना वाला बताया। विफलता की आलोचना की। फोर्ब्स पत्रिका ने नोटबंदी को नसबंदी के किसी भी भारत सरकार का सबसे अनैतिक फैसला बताया।
डिजिटल पेमेंट की अपील लेकिन चार्जेस भी जारी
हालांकि मोदी सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए इसे कालाधन, जाली नोट, आतंकवाद इत्यादि के खिलाफ उठाया गया सफल कदम बताया। नोटबंदी के बाद मोदी सरकार ने आम जनता से कैशलेस (नकद-मुक्त) लेनदेन करने की अपील की है। सरकार ने डिजिटल लेनदेन करने वालों के लिए छूट और इनामी की भी घोषणा की है। 30 दिसंबर को नरेंद्र मोदी ने डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए भीम नाम का पेमेंट ऐप भी जारी किया है।